अगर काम के दौरान बॉस गुस्से में महिला कर्मचारियों से करते हैं बदसलूकी, तो नहीं माना जाएगा ‘यौन उत्पीड़न’

अगर काम के दौरान बॉस गुस्से में महिला कर्मचारियों से करते हैं बदसलूकी, तो नहीं माना जाएगा 'यौन उत्पीड़न'

अगर काम के दौरान बॉस गुस्से में महिला कर्मचारियों से करते हैं बदसलूकी, तो नहीं माना जाएगा ‘यौन उत्पीड़न’
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: February 24, 2020 8:41 am IST

चेन्नै: कार्यालय में काम करने वाली महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में लगातार इजाफा हो रहा है। रोजाना दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि अगर ऑफिस में काम के दौरान बॉस महिला कर्मचारी से अयोग्यता या काम न करने के कारण भेदभाव या गुस्से में गलत बर्ताव करते हैं तो इसे यौन उत्पीड़न नहीं माना जाएगा। किसी महिला कर्मचारी से गुस्से में इस्तेमाल की गई भाषा का मतलब यौन उत्पीड़न नहीं होता कोर्ट के इस फैसले को लेकर कर्मचारियों में संतोष का महौल देखा जा रहा है, क्योंकि बॉस को फंसाने के लिए कई फर्जी मामले दर्ज कराए जाने की ​भी शिकायत सामने आ चुकी है।

Read More: भारत से दोस्ती में दरार के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने दिया इस्तीफा, लगा धोखाबाजी का आरोप

मामले में सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के फैसले को खारिज करते हुए ट्रेडमार्क और जीआई के डिप्टी रजिस्ट्रार वी नटराजन के पक्ष में फैसला सुनाया है। ‘हर दफ्तर को अपना शिष्टाचार बनाए रखना पड़ता है। किसी ऑफिस के प्रमुख के पास महिला या पुरुष कर्मचारी से काम लेने के लिए अपना विवेक और विशेषाधिकार है। महिलाएं वुमन एट वर्कप्लेस (प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रिड्रेशल) एक्ट, 2013 का गलत उपयोग नहीं कर सकतीं।

 ⁠

Read More: IPS अफसरों का तबादला अदेश जारी, बदले गए 5 अफसरों के प्रभार

दरअसल मामला 2 दिसंबर 2013 का है। इस दौरान ऑफिस में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने ट्रेडमार्क और जीआई के डिप्टी रजिस्ट्रार वी नटराजन के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए कहा था कि नटराजन ने काम के दौरान मनमानी करते हुए उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाया है।

Read More: ​मंत्री टीएस सिंहदेव ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि को लेकर जताई चिंता, कहा- तत्काल होना चाहिए सर्वे

इस मामले में ट्रेडमार्क एंड जीआई के रजिस्ट्रार और कंट्रोलर जनरल के पास शिकायत दर्ज कराई गई थी। मामले में इस केस की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था। फिर महिला ने तमिलनाडु महिला आयोग में शिकायत दर्ज किया था। शिकायत में महिला ने यह कहा था कि जांच समिति का गठन किया गया है, लेकिन समिति न्याय करने नहीं कर पा रही है। तब डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर ऑफिसर ने मामले में जांच की थी और प्राथमिक तौर पर केस दर्ज किया था। बाद में यह मामला कैट से होते हुए हाईकोर्ट पहुंचा था।

Read More: नमस्ते ट्रंप: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महात्मा गांधी की तस्वीर पर सूत की माला पहनाकर श्रद्धांजलि दी, चलाया चरखा


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"