पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पौत्र इंदरजीत सिंह BJP में हुए शामिल, बोले- पूरी हुई दादाजी की इच्छा |

पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पौत्र इंदरजीत सिंह BJP में हुए शामिल, बोले- पूरी हुई दादाजी की इच्छा

पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पौत्र इंदरजीत सिंह सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। राजधानी स्थित भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : September 13, 2021/2:15 pm IST

नयी दिल्ली, 3 सितंबर । पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पौत्र इंदरजीत सिंह सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। राजधानी स्थित भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर भाजपा महासचिव व पंजाब के प्रभारी दुष्यंत गौतम, पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह भी उपस्थित थे।

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद इंदरजीत सिंह ने कहा कि लंबे समय बाद आज उनके दादाजी ज्ञानी जैल सिंह की मनोकामना पूरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरीके से कांग्रेस ने उनके साथ सलूक किया…उनका दिल दुखाया…उनकी वफादारी का क्या सिला दिया…आप सब जानते हैं।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी वह उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास करेंगे।

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पुरी ने इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सत्ता को लेकर चल रही खींचतान का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वहां की सरकार केंद्र सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आवास योजना हो या आयुष्मान योजना, मुझे समझ नहीं आता कि राज्य सरकार इन्हें क्यों लागू नहीं कर रही है।’’

इंदरजीत सिंह का भाजपा में स्वागत करते हुए पुरी ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं तो उन्हें बहुत खुशी हुई। ज्ञानी जैल सिंह देश के सातवें राष्ट्रपति थे। इस पद पर पहुंचने से पहले वह विधायक, मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी सेवाए दे चुके थे। उनका जन्म पंजाब के फरीदकोट जिले में हुआ था।

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पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। शिरोमणि अकाली दल का भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद इस बार वहां चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं। भाजपा इस बार अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी जबकि सत्ताधारी कांग्रेस को चुनौती देने के लिए शिरोमणि अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। आम आदमी पार्टी भी राज्य में मजबूती से अपनी जड़ें जमा रही है।

 

 
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