भारत, चीन संबंधों को तीन पारस्परिक पहलुओं से निर्देशित होना चाहिए: जयशंकर

भारत, चीन संबंधों को तीन पारस्परिक पहलुओं से निर्देशित होना चाहिए: जयशंकर

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  • Publish Date - August 18, 2025 / 08:07 PM IST,
    Updated On - August 18, 2025 / 08:07 PM IST

(फाइल तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी को बताया कि भारत-चीन संबंधों को आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित के सिद्धांत से निर्देशित होना चाहिए।

चीनी विदेश मंत्री के दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद जयशंकर ने वांग के साथ बातचीत की।

बैठक में अपनी शुरुआती टिप्पणी में विदेश मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि दोनों देशों के बीच मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए।

जयशंकर ने कहा, ‘यह अवसर हमें मिलने और अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का मौका प्रदान करता है। यह वैश्विक स्थिति और आपसी हितों के कुछ मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का भी उपयुक्त समय है।’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे संबंधों में एक कठिन दौर देखने के बाद, अब दोनों देश आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।’’

विदेश मंत्री ने कहा, “ इस कोशिश में इस प्रयास में, हमें तीन परस्पर सिद्धांतों – परस्पर सम्मान, परस्पर संवेदनशीलता और परस्पर हित – से निर्देशित होना होगा। विभिन्नताएं विवाद का कारण नहीं बननी चाहिए, और प्रतिस्पर्धा टकराव में नहीं बदलनी चाहिए।”

चीनी विदेश मंत्री मुख्य रूप से सीमा मुद्दे को लेकर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की अगली दौर की वार्ता के लिए भारत की यात्रा पर आए हैं।

वांग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं।

भाषा नोमान प्रशांत

प्रशांत