नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) पर्यावरण मंत्रालय ने 2028 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए पेशेवर और अन्य आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के के सिलसिले में समर्पित सीओपी-33 प्रकोष्ठ बनाया है। भारत ने 2028 के जलवायु शिखर सम्मेलन की मेजबानी का प्रस्ताव पेश किया है।
पंद्रह जुलाई को जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि सीओपी-33 प्रकोष्ठ मंत्रालय के जलवायु परिवर्तन प्रभाग के अंतर्गत कार्य करेगा।
इस प्रकोष्ठ का नेतृत्व संयुक्त सचिव (जलवायु परिवर्तन) करेंगे और सलाहकारों एवं सहायक कर्मचारियों समेत विभिन्न स्तरों के अधिकारी इसमें शामिल होंगे।
दुबई में सीओपी-28 में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीओपी-33 के लिए भारत की मेजबानी का प्रस्ताव दिया था।
अगर यूएनएफसीसी (यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज) भारत के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देता है तो सीओपी-33 भारत की मेजबानी में होने वाला दूसरा जलवायु शिखर सम्मेलन होगा। इससे पहले भारत ने 2002 में सीओपी-8 की मेजबानी की थी।
इससे पहले भारत ने 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन की भी अध्यक्षता की थी।
सरकार के अनुसार, भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 245 गीगावाट के आंकड़े को पार कर गई है, जिससे 2030 की समय सीमा से पांच साल पहले ही गैर-जीवाश्म स्रोतों से स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य प्राप्त हो गया है।
भाषा
सुरभि जोहेब
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