मंदिरों में चोरी की हालिया घटनाओं के बाद बीएसआरटीसी करेगी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा

मंदिरों में चोरी की हालिया घटनाओं के बाद बीएसआरटीसी करेगी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 05:25 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 05:25 PM IST

(प्रमोद कुमार)

पटना, 24 दिसंबर (भाषा) धार्मिक स्थलों पर चोरी की हालिया घटनाओं के मद्देनजर बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद (बीएसआरटीसी) ने राज्यभर के सभी पंजीकृत मंदिरों और मठों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए उनकी प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। परिषद के अध्यक्ष रणबीर नंदन ने यह जानकारी दी।

नंदन ने बताया कि यह बैठक जनवरी के दूसरे सप्ताह में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि पर्षद ने पंजीकृत मंदिरों और मठों से उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए उपलब्ध धनराशि का विवरण भी मांगा है।

बीएसआरटीसी राज्य के विधि विभाग के अंतर्गत कार्य करती है।

नंदन ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “कुछ जिलों में मंदिरों में हुई चोरी की हालिया घटनाओं को देखते हुए बीएसआरटीसी ने सभी पंजीकृत मंदिरों और मठों की प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाने का फैसला किया है।”

उन्होंने कहा, “बैठक में तीर्थस्थलों की बेहतर सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सुझावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और विचार-विमर्श के आधार पर पर्षद राज्य सरकार से मंदिरों और मठों में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम उपलब्ध कराने का आग्रह करेगी।”

गोपालगंज जिले के थावे मंदिर से 17 दिसंबर को सोने का मुकुट और कीमती आभूषण चोरी हो गए थे। इसके अगले दिन सारण जिले के भगवान बाजार क्षेत्र स्थित धर्मनाथ मंदिर से देवी दुर्गा के स्वर्ण आभूषण और दो दान पेटियां चुरा ली गई थीं। पुलिस ने थावे मंदिर चोरी कांड में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

नंदन ने बताया कि पर्षद ने सुरक्षा आकलन के उद्देश्य से सभी पंजीकृत मंदिरों और मठों के वित्तीय संसाधनों का विवरण भी मांगा है।

उन्होंने स्पष्ट किया, “हमने संसाधनों का विवरण केवल सुरक्षा कारणों से मांगा है। बीएसआरटीसी का उनके दैनिक वित्तीय प्रबंधन में कोई दखल नहीं है। इससे मंदिरों और मठों की सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करने में मदद मिलेगी।”

उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 38 जिलों में बीएसआरटीसी से कुल 2,499 मंदिर और मठ पंजीकृत हैं। पर्षद इन धार्मिक स्थलों की संपत्तियों का रिकॉर्ड रखती है और उनकी गतिविधियों की निगरानी करती है।

नंदन ने यह भी कहा कि बीएसआरटीसी सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए सभी जिलों में संयोजकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में है, जो मंदिरों और मठों के साथ समन्वय में कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा, “संयोजक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी पंजीकृत धार्मिक स्थलों पर प्रत्येक माह पूर्णिमा को ‘सत्यनारायण कथा’ और अमावस्या को ‘भगवती पूजा’ का आयोजन किया जाए।”

भाषा कैलाश खारी

खारी