भारत ने आयरलैंड के समक्ष भारतीय नागरिकों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा दृढ़ता से उठाया : विदेश मंत्रालय

भारत ने आयरलैंड के समक्ष भारतीय नागरिकों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा दृढ़ता से उठाया : विदेश मंत्रालय

भारत ने आयरलैंड के समक्ष भारतीय नागरिकों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा दृढ़ता से उठाया : विदेश मंत्रालय
Modified Date: August 14, 2025 / 10:58 pm IST
Published Date: August 14, 2025 10:58 pm IST

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने आयरलैंड में भारतीय नागरिकों के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं का मुद्दा उक्त यूरोपीय देश के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि आयरलैंड के राष्ट्रपति माइकल डी हिगिंस और उप प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने हिंसा की सार्वजनिक रूप से ‘‘निंदा’’ की है।

उन्होंने कहा, ‘‘आयरलैंड में भारतीय नागरिकों के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। हमने इस मामले को डबलिन में आयरिश अधिकारियों के साथ-साथ नयी दिल्ली स्थित दूतावास के समक्ष भी पुरजोर तरीके से उठाया है।’’

 ⁠

जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में एक सवाल का उत्तर देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि आयरलैंड के राष्ट्रपति, उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने हिंसा के इन निंदनीय कृत्यों की सार्वजनिक रूप से निंदा की है।’’

आयरलैंड में पिछले कुछ हफ्तों में भारतीयों को निशाना बनाकर हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं।

जायसवाल ने कहा कि डबलिन स्थित भारतीय दूतावास पीड़ितों के संपर्क में है। उन्होंने कहा, ‘‘वे (दूतावास अधिकारी) हमारे समुदाय के सदस्यों के संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’

दूतावास ने एक परामर्श भी जारी किया है, जिसमें भारतीय नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिए ‘‘उचित सावधानी’’ बरतने तथा सुनसान क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी गई है।

कनाडा में एक भारतीय दंपति के उत्पीड़न को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा कि भारत विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मिशन और हमारे वाणिज्य दूतावास समुदाय के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में हैं और जब भी सुरक्षा के सिलसिले में कोई मुद्दा सामने आता है और उसे उठाया जाना आवश्यक होता है, तो हम उसे उचित कार्रवाई के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों के समक्ष उठाते हैं।’’

भाषा धीरज पारुल

पारुल


लेखक के बारे में