भारतीय बिजनेसमैन को 91 साल की उम्र में हुआ प्यार, पार्टनर के नाम का भी किया खुलासा
DLF Group Chairman K.P. singh : दरअसल, यह बिजनेसमैन और कोई नहीं बल्कि डीएलएफ ग्रुप के एमेरिटस चेयरमैन के पी सिंह हैं। हाल ही में उन्होंने एक
DLF Group Chairman K.P. singh
नई दिल्ली : DLF Group Chairman K.P. singh : कहा जाता है न कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती और आपने कई ऐसे लोग भी देखें होंगे जिन्होंने बुढ़ापे में भी प्यार किया है। ऐसी ही एक कहानी इन दिनों चर्चा में है, जब 91 साल के एक भारतीय बिजनेसमैन ने अपने प्यार का ऐलान करते हुए कहा है कि उन्हें क्या 91 साल की उम्र में प्यार हो गया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी नई पार्टनर के बारे में भी बताया है। उनका नाम बताया है और यह भी बताया कि कैसे उनसे प्यार हुआ है। सोशल मीडिया पर भी उनकी कहानी वायरल हो गई है।
डीएलएफ ग्रुप के चेयरमैन को हुआ प्यार
DLF Group Chairman K.P. singh : दरअसल, यह बिजनेसमैन और कोई नहीं बल्कि डीएलएफ ग्रुप के एमेरिटस चेयरमैन के पी सिंह हैं। हाल ही में उन्होंने एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि मेरी पत्नी की मौत के बाद से जीवन में एक खालीपन आ गया था। किसी के साथ वर्षों रहने के बाद, जब आप उसे खोते हैं, तो ऐसे दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। आपकी पूरी जिंदगी बदल जाती है। लेकिन अब मेरे जीवन में नई पार्टनर की एंट्री हुई है। उन्होंने उनके नाम का ऐलान करते हुए कहा कि उन्हें उनसे प्यार हो गया है।
प्रेमिका के नाम का किया खुलासा
DLF Group Chairman K.P. singh : केपी सिंह ने बताया कि मुझे एक नई पार्टनर मिल गई है। उसका नाम शीना है। वह मेरे जीवन के सबसे अच्छे लोगों में से एक है। वह ऊर्जावान है और मुझे प्रेरित करती है। शीना हर कदम पर मेरा साथ देती है। वह मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और अब वह मेरे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। मालूम हो कि केपी सिंह की पहली पत्नी का केंसर के चलते 65 साल की उम्र में निधन हो गया था। केपी सिंह रियल एस्टेट के टॉप रइस अरबपतियों में शामिल हैं।
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ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में 299वें पायदान पर हैं केपी सिंह
DLF Group Chairman K.P. singh : एक रिपोर्ट के मुताबिक केपी सिंह ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में केपी सिंह 299वें पायदान पर हैं। उनकी नेटवर्थ 7.63 बिलियन डॉलर (करीब 63200 करोड़ रुपए) है। उन्होंने 1961 में अपने ससुर राघवेंद्र सिंह द्वारा शुरू की गई कंपनी डेल्ही लैंड एंड फाइनेंस यानी डीएलएफ में शामिल होने के लिए सेना की पोस्टिंग छोड़ दी थी। वह पांच दशक से अधिक समय तक कंपनी के चेयरमैन पद पर रहे। अब वह डीएलएफ के एमेरिटस चेयरमैन हैं।
बता दें कि इससे पहले वे हाल ही में तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी को सलाह दी थी और उन्होंने उनके प्रति भरोसा जताया था। उन्होंने कहा था कि ग्रोथ के रास्ते पर बने रहने के लिए अडानी ग्रुप को पूंजी बढ़ाने और कर्ज को कम करने पर काम करने की जरूरत है। यह भी कहा कि इस घटना की वजह से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का भरोसा नहीं डिगा है।

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