India's warning to Chinese planes entering No Flying Zone said

नो फ्लाईंग जोन में घुसे चीनी विमानों को भारत की चेतावनी कहा, ”समझ जाओ वरना’

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास प्रति दिन औसतन दो-तीन चीनी लड़ाकू उड़ानें होती हैं। ऐसी सभी घटनाएं भारतीय वायुसेना द्वारा वायु रक्षा उपायों की सक्रियता को गति प्रदान करती हैं।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : August 6, 2022/6:39 pm IST

India warning to china: भारत और चीन ने हाल ही में एक विशेष सैन्य वार्ता की है। इस दौरान भारत ने साफ शब्दों में ड्रैगन द्वारा हाल ही में हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर कड़ी आपत्ति जताई है। एक मेजर जनरल के नेतृत्व में भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्दो सीमा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के समकक्षों के साथ बैठक की। इस दौरान एलएसी के करीब उड़ान भरने वाले चीनी लड़ाकों को कंट्रोल में करने की नसीहत ड्रैगन को दी है।

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IAF की संचालन शाखा के एक एयर कमोडोर को विशेष रूप से जून से इस क्षेत्र में बढ़ी हुई चीनी हवाई गतिविधि पर चर्चा करने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया था। आपको बता दें कि चीनी लड़ाके अक्सर LAC के साथ 10-किमी की नो-फ्लाई ज़ोन में घुस आते हैं। भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट-जनरल-रैंक कोर कमांडर रैंक की वार्ता पिछली बार 17 जुलाई को हुई थी। इसमें गश्त पर सैन्य गतिरोध को खत्म करने को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई थी।इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने ताइवान जलडमरूमध्य में भी आक्रामक रुख अपनाया है। बैलिस्टिक मिसाइलों से चीनी लड़ाकों ने कई राउंड फायरिंग की है। इस दौरान “मध्य रेखा” को पार कर रही है।

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पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास प्रति दिन औसतन दो-तीन चीनी लड़ाकू उड़ानें होती हैं। ऐसी सभी घटनाएं भारतीय वायुसेना द्वारा वायु रक्षा उपायों की सक्रियता को गति प्रदान करती हैं। भारत ने अपने मिराज-2000 और मिग-29 लड़ाकू विमानों को मोर्चे पर तैयार रखा है। इन्हें दो साल पहले चीन के साथ सीमा विवाद के बाद से तैनात किया गया है।टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा, “इस तरह का कोई सख्त पैटर्न नहीं है, लेकिन टोही विमानों सहित चीनी हवाई गतिविधि निश्चित रूप से 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में बहुत अधिक बढ़ गई है।”

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