इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी बेरोजगारों के लिये वरदान साबित हो रही है : गहलोत |

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी बेरोजगारों के लिये वरदान साबित हो रही है : गहलोत

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी बेरोजगारों के लिये वरदान साबित हो रही है : गहलोत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : October 11, 2022/9:58 pm IST

जयपुर, 11 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शहरी बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से शहरों में रह रहे बेरोजगारों के लिए आजीविका के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

गहलोत ने कहा कि साथ ही इंदिरा रसोई योजना के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र आठ रुपए में पौष्टिक भोजन सम्मान के साथ परोसा जा रहा है। इस तरह की योजनाओं से प्रदेश में बेरोजगारी एवं महंगाई पर एक साथ प्रहार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री मंगलवार को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना, इंदिरा रसोई योजना सहित विभिन्न शहरी योजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि 800 करोड़ रुपए के बजट से संचालित इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना में अब तक शहरी क्षेत्र के 3.02 लाख से अधिक परिवारों ने योजना के तहत पंजीकरण करवाया है और वर्तमान पखवाड़े में लगभग 66 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना के अंतर्गत प्रदेशभर में 6905 स्वीकृत कार्यों में से 2175 कार्य प्रगतिरत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देने के साथ ही पर्यावरण व जल संरक्षण कार्य, ठोस कचरा प्रबंधन कार्य, अतिक्रमण एवं अवैध बोर्ड/होर्डिंग हटाने का कार्य, हेरिटेज संरक्षण आदि कार्य किए जा रहे हैं। योजना में लाभार्थी परिवार को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।

गहलोत ने इंदिरा रसोई योजना में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता एवं योजना में पारदर्शिता की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी प्रतिमाह इन रसोइयों में जाकर भोजन करना चाहिए ताकि गुणवत्ता की सुनिश्चितता हो सके। उन्होंने कहा कि यह योजना आज महंगाई के दौर में बाहर से आने वाले विद्यार्थियों एवं कार्मिकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।

बैठक में बताया गया कि इंदिरा रसोई योजना में अब तक 7.42 करोड़ लोगों को भोजन की थालियां परोसी जा चुकी हैं। प्रदेश में कुल 870 रसोइयां संचालित हैं, जिनकी संख्या 1000 तक किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके पश्चात 13.81 करोड़ भोजन थाली प्रतिवर्ष वितरण की जा सकेंगी।

गहलोत ने कहा कि यह सुखद बात है कि प्रदेश में 500 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं के द्वारा ‘ना लाभ ना हानि’ के आधार पर रसोइयों का संचालन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इंदिरा रसोई योजना में भामाशाहों द्वारा भी भोजन प्रायोजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर इंदिरा रसोइयों के संचालन की संभावनाएं भी तलाशें।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान जयपुर की चारदीवारी में सीवरेज तंत्र के सुदृढ़ीकरण, जयपुर नाइट बाजार के संचालन, परकोटे के सौंदर्यीकरण, टाउन हॉल, जलेब चौक, गांधी म्यूजियम, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर तथा महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज आदि योजनाओं की प्रगति के बारे में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

भाषा कुंज अर्पणा

अर्पणा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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