Iran with India: टैरिफ मामले में भारत को मिला ईरान का साथ.. अमेरिका को लगाई लताड़, कहा, ‘स्वतंत्र राष्ट्रों पर थोप रहा अपनी इच्छा”

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे थे , तब अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे बढ़कर व्यापार टैरिफ की घोषणा कर दी। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्रीय सरकार के नेतृत्व को यह स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अमेरिका एकतरफा निर्णय क्यों ले रहा है।

Iran with India: टैरिफ मामले में भारत को मिला ईरान का साथ.. अमेरिका को लगाई लताड़, कहा, ‘स्वतंत्र राष्ट्रों पर थोप रहा अपनी इच्छा”

Iran on 25 Percent Tariff on India || Image- Siasat.com

Modified Date: July 31, 2025 / 01:17 pm IST
Published Date: July 31, 2025 1:16 pm IST
HIGHLIGHTS
  • ईरान ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर अमेरिका की कड़ी आलोचना की।
  • ईरान ने कहा, अमेरिका आर्थिक प्रतिबंधों को हथियार बनाकर भारत पर इच्छा थोप रहा।
  • ईरान ने अमेरिका की नीति को अंतर्राष्ट्रीय कानून और संप्रभुता का उल्लंघन बताया।

Iran on 25 Percent Tariff on India: नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर लगाए गये 25 फ़ीसदी टैरिफ और एक प्रतिशत जुर्माने के मुद्दे पर भारत को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिलना शुरू हो चुका है। फ़िलहाल भारत के साथ सबसे पहले खड़ा होने वाला देश ईरान है। ईरान ने अमेरिका को उसकी मौजूदा कारोबारी और विदेश नीति को लेकर जमकर लताड़ लगाई है। ईरान ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि, वह प्रतिबंधों को हथियार बनाकर भारत जैसे स्वतंत्र राष्ट्र पर अपनी इच्छाएं थोप रहा है।

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अमेरिका थोप रहा अपनी इच्छा: ईरान

भारत में ईरानी दूतावास ने टैरिफ मामले पर सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए लिखा कि, “संयुक्त राज्य अमेरिका अर्थव्यवस्था को हथियार बनाना जारी रखे हुए है और ईरान तथा भारत जैसे स्वतंत्र राष्ट्रों पर अपनी इच्छा थोपने तथा उनके विकास में बाधा डालने के लिए प्रतिबंधों का इस्तेमाल कर रहा है। ये बलपूर्वक भेदभावपूर्ण कार्यवाहियाँ अंतर्राष्ट्रीय कानून और राष्ट्रीय संप्रभुता के सिद्धांतों का उल्लंघन करती हैं, और आर्थिक साम्राज्यवाद के आधुनिक रूप का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऐसी नीतियों का विरोध एक अधिक शक्तिशाली, उभरती हुई गैर-पश्चिमी नेतृत्व वाली बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था और एक अधिक मज़बूत वैश्विक दक्षिण के लिए एक कदम है।”

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क्या है अर्थशास्त्रियों की राय?

अर्थशास्त्री सूर्या नारायणन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए झटका बताया, इस कदम से भारतीय व्यापार और निर्यातकों पर असर पड़ने की उम्मीद है।

25 फ़ीसदी टैरिफ का भारत पर असर

Iran on 25 Percent Tariff on India: एएनआई से बात करते हुए अर्थशास्त्री सूर्या नारायणन ने कहा, “यह भारत के लिए एक झटका है क्योंकि भारत शून्य टैरिफ के साथ फार्मास्यूटिकल्स, तांबा, धातु और बहुत कुछ निर्यात कर रहा था। अब भारत को अमेरिका को निर्यात किए गए उत्पादों के लिए भुगतान करना होगा । इसका भारतीय निर्यातकों पर असर पड़ेगा… इसका भारतीय व्यापार पर असर पड़ेगा और भारतीय निर्यातकों को कुछ रियायतों की उम्मीद है। इस पर आगे बात करने के लिए अमेरिकी व्यापार टीम 25 अगस्त को भारत का दौरा करेगी।”

कई भारतीय व्यापार संगठनों ने भी अमेरिका के इस फैसले पर निराशा व्यक्त की है और इसे भारत के निर्यात की गति के लिए एक झटका बताया है। हालाँकि, उन्होंने निर्यात विविधीकरण और आपूर्ति श्रृंखला पुनर्गठन के संभावित अवसरों की ओर इशारा किया है। जबकि कुछ व्यापार और उद्योग जगत के नेताओं ने आगाह किया कि इस निर्णय से अल्पकालिक व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं, वहीं अन्य लोगों को विश्वास था कि भारत की मजबूत विनिर्माण क्षमताएं, विशेष रूप से फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरण जैसे क्षेत्रों में, देश को इस प्रभाव का सामना करने और नई व्यापार साझेदारियों की तलाश करने में मदद करेंगी।

25 फ़ीसदी टैरिफ पर भारतीयों की प्रतिक्रिया

चैंबर ऑफ कॉमर्स में पर्यटन विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने इसे “भारतीय निर्यात के लिए एक दुखद दिन” बताया तथा आगाह किया कि टैरिफ से विदेश व्यापार धीमा हो जाएगा तथा घरेलू विनिर्माण क्षेत्र प्रभावित होगा। गोयल ने कहा, “यह भारतीय निर्यात के लिए एक दुखद दिन है क्योंकि भारत 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निर्यात कर रहा है और अधिशेष 40 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है।” उन्होंने आगे कहा, “इससे हमारे कुछ निर्यात धीमे पड़ेंगे और हमारे विनिर्माण पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा… लेकिन इसका अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। हम देख रहे हैं कि कई अमेरिकी हवाईअड्डे पर्यटकों से रहित हैं… भारत को अपने निर्यात बाजारों में भी विविधता लानी होगी और उसे कुछ एशियाई और यूरोपीय बाजारों पर फिर से विचार करना होगा।”

अमेरिका ने बताई ये बड़ी वजह

Iran on 25 Percent Tariff on India: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 प्रतिशत शुल्क लगाने को लेकर बुधवार को ब्रिक्स समूह व नयी दिल्ली के साथ ‘भारी’ व्यापार घाटे का हवाला दिया और कहा कि अमेरिका इस समय भारत के साथ बातचीत कर रहा है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा, “हम अभी बातचीत कर रहे हैं और इसमें ब्रिक्स का मसला भी शामिल है। आप जानते हैं, ब्रिक्स मूलतः अमेरिका विरोधी देशों का एक समूह है और भारत इसका सदस्य है। यह अमेरिकी मुद्रा पर हमला है और हम किसी को भी ऐसा नहीं करने देंगे।”

ट्रंप ने बुधवार को एक अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। राष्ट्रपति ने इसके साथ ही रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद पर एक अनिर्दिष्ट जुर्माना भी लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने कहा, “यह निर्णय आंशिक रूप से ‘ब्रिक्स’ की वजह से लिया गया है और इसमें कुछ हद तक घाटे की भूमिकी है। हमें बहुत बड़ा घाटा हुआ है। जैसा कि आप जानते हैं, प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी मेरे मित्र हैं लेकिन वे हमारे साथ व्यापार के मामले में बहुत ज्यादा जुड़े नहीं हैं।”

विपक्षी कांग्रेस की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माना लगाने की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस ने कहा कि भारत की विदेश नीति पूरी तरह से “विफल” हो गई है। कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ और जुर्माना लगाया है। देश नरेंद्र मोदी की ‘दोस्ती’ की कीमत चुका रहा है।”

पोस्ट में लिखा है, “मोदी ने ट्रंप के लिए प्रचार किया, उन्हें उत्साह से गले लगाया, तस्वीरें खिंचवाईं और उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराया। अंत में ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगा दिया। भारत की विदेश नीति पूरी तरह विफल रही है।”

 

कांग्रेस ने किया तीखा हमला

Iran on 25 Percent Tariff on India: गौरतलब है कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि भारत को 25 प्रतिशत टैरिफ और व्यापार घाटे के लिए अतिरिक्त जुर्माना देना होगा। ट्रम्प ने सोशल मीडिया ट्रुथ पर एक पोस्ट में कहा कि टैरिफ 1 अगस्त से शुरू होंगे।
उन्होंने भारत पर ऊँचे टैरिफ़, कड़े व्यापार अवरोध और अपनी अधिकांश सैन्य व ऊर्जा आपूर्ति रूस से खरीदने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा कि ये कदम ऐसे समय में “अच्छे नहीं” हैं जब दुनिया चाहती है कि रूस यूक्रेन में युद्ध रोके।

ट्रंप ने कहा, “याद रखें, भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने पिछले कुछ वर्षों में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं, जो विश्व में सबसे अधिक हैं, तथा उनके पास किसी भी देश की तुलना में सबसे कठोर और अप्रिय गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “इसके अलावा, उन्होंने हमेशा अपने सैन्य उपकरणों का एक बड़ा हिस्सा रूस से ही खरीदा है और चीन के साथ रूस के ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं। वह भी ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्याएँ बंद करे – सब कुछ ठीक नहीं है! इसलिए भारत को 1 अगस्त से 25% टैरिफ़ और उपरोक्त के लिए जुर्माना देना होगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद। मागा!”

नरेंद्र मोदी और देश के लिए बड़ा झटका: जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के लिए एक बड़ा झटका है और अमेरिकी राष्ट्रपति यह तय नहीं कर सकते कि नई दिल्ली कहां से तेल खरीदेगा।

न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने भारत पर ट्रम्प के 25 प्रतिशत टैरिफ के कदम को “हमारे देश, हमारी अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री के लिए एक बड़ा झटका” करार दिया और कहा कि “यह अमेरिका द्वारा ब्लैकमेल है”।
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को ट्रंप के कदम से डरना नहीं चाहिए।

Iran on 25 Percent Tariff on India: जयराम रमेश ने एएनआई से कहा, “यह पीएम मोदी और भारत के लिए बहुत बड़ा झटका है। तारीफ ही तारीफ में टैरिफ लग गया। हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से कोई फायदा नहीं हुआ। राष्ट्रपति ट्रंप 30 बार कह चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया तो हमें इस (भारत-अमेरिका) दोस्ती से क्या मिला? देश अभी भी सवाल कर रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अचानक क्यों रोक दिया गया।”

उन्होंने कहा, “यह हमारे देश, हमारी अर्थव्यवस्था और प्रधानमंत्री के लिए बहुत बड़ा झटका है। प्रधानमंत्री को डरना नहीं चाहिए। यह अमेरिका द्वारा ब्लैकमेल है। यह हमारे लिए मुसीबत का समय है। इसका असर हमारे इंजीनियरिंग, फार्मास्यूटिकल्स और व्यावसायिक उद्योगों पर पड़ेगा। यह हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है। हम सोचते थे कि हमारे सामने दो बड़ी चुनौतियाँ हैं पाकिस्तान और चीन, लेकिन अमेरिका तीसरी बड़ी मुसीबत बनकर उभरा है।”

‘स्पष्टीकरण दे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री’: शिवसेना (UBT)

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे थे , तब अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे बढ़कर व्यापार टैरिफ की घोषणा कर दी। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्रीय सरकार के नेतृत्व को यह स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अमेरिका एकतरफा निर्णय क्यों ले रहा है।

चतुर्वेदी ने कहा, “‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के बाद कहा जा रहा था कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच अच्छी केमिस्ट्री है। कल पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं है। इसके 10 घंटे के अंदर ही राष्ट्रपति ट्रंप ने दो बार अपनी संलिप्तता दोहराई। एक लक्ष्मण रेखा खींची जानी चाहिए जहां हमारी सरकार उनकी सरकार को बताए कि अमेरिकी राष्ट्रपति सही नहीं हैं।”

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Iran on 25 Percent Tariff on India: उन्होंने कहा, “जब व्यापार समझौता चल रहा है और उन्होंने इन शब्दों में व्यापार शुल्क की घोषणा की है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सभी उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यसभा में जवाब देंगे, लेकिन इसके बजाय गृह मंत्री बोल रहे हैं।” शिवसेना नेता ने आगे मांग की कि प्रधानमंत्री कल सदन में आएं और स्पष्टीकरण दें। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री को यह बताना चाहिए कि अमेरिका एकतरफा फैसले क्यों ले रहा है और उन्हें कोई जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा है।’’


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