बेंगलुरु, सात मार्च (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि उसने सेवा से हटाये जा चुके मेघा-ट्रॉपिक्स-1 (एमटी-1) उपग्रह के अत्यंत चुनौतीपूर्ण नियंत्रित पुन: प्रवेश प्रयोग को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इसरो ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘उपग्रह ने पृथ्वी के पर्यावरण में पुन: प्रवेश किया और प्रशांत महासागर के ऊपर विघटित हो गया होगा।’’
उष्णकटिबंधीय मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए इसरो तथा फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी, सीएनईएस के संयुक्त उपग्रह उपक्रम के तौर पर 12 अक्टूबर, 2011 को निम्न पृथ्वी उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया था।
इसरो ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि प्रशांत महासागर में 5 अंश अंश दक्षिण से 14 अंश दक्षिण अक्षांश और 119 अंश पश्चिम से 100 अंश पश्चिम देशांतर के बीच एक निर्जन क्षेत्र को एमटी1 के लिए लक्षित पुन: प्रवेश क्षेत्र के रूप में पहचाना गया। एमटी-1 का वजन लगभग 1000 किलोग्राम था।
उसने एक बयान में कहा कि मिशन के अंत में इसमें करीब 125 किलोग्राम ईंधन बाकी था जो दुर्घटना का जोखिम पैदा कर सकता था।
इसरो ने कहा कि प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक निर्जन स्थान में पूरी तरह नियंत्रित पर्यावरणीय पुन: प्रवेश के लिए इस बचे हुए ईंधन को पर्याप्त समझा गया।
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वैभव माधव
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