Jagdeep Dhankhar Resignation Inside Story: जगदीप धनखड़ और मोदी सरकार के बीच तनातनी का मुख्य कारण आया सामने! Image Source: File
नई दिल्ली: Jagdeep Dhankhar Resignation Inside Story: संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन यानि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से सियासी गलियारों में बवाल मचा हुआ है। सभी लोग ये जानने में लगे हुए हैं कि आखिरी जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा क्यों दे दिया? उनके इस्तीफे के पीछे असली वजह क्या है? वहीं दूसरी ओर कयासों और अनुमान का भी दौर जोरों पर है, लोगों के साथ-साथ राजनीति दलों ने भी कई तहर के कयास लगाए हैं। इन सबके बीच अब कहा जा रहा है कि जगदीप धनखड़ की तीन ऐसी मांगें थी, जिन्हें सरकार ने ठुकरा दिया था और इसी के चलते उन्हें इस्तीफा देने में मजबूर होना पड़ा।
Read More: IPO News: रातों-रात मालामाल! नया IPO और उसका GMP इतना हाई कि निवेशक रह गए दंग
Jagdeep Dhankhar Resignation Inside Story: मिली जानकारी के अनुसार जगदीप धनखड़ और सरकार के बीच लंबे समय से तनातनी चली आ रही है। एक नामी मीडिया संस्थान की रिपोर्ट की मानें तो जगदीप धनखड़ मोदी कैबिनेट के सीनियर मंत्रियों को भी नहीं गुनते थे और मीटिंग में सबके सामने क्लास लगा देते थे, जिसे लेकर कई मंत्रियों में नाराजगी थी। अगर आपको याद होगा तो केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उन्होंने पब्लिकली अपमानित किया था। हालांकी बाद में सदन में उनकी तारीफ भी की थी, जिसे डैमेट कंट्रोल के तौर पर देखा गया था। तो चलिए जानते हैं जगदीप धनखड़ की तीन मांगें क्या थी?
जगदीप धनखड़ चाहते थे कि सभी सरकारी दफ्तरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ उनकी भी तस्वीर लगे। सूत्रों के अनुसार, जगदीप धनखड़ ने इसे बार-बार उठाया था, लेकिन सरकार ने इसे असामान्य और अनावश्यक मान कर सिरे से खारिज कर दिया। कारण कि यह परंपरा से हटकर थी। अब तक की परंपरा है कि सरकारी दफ्तरों में केवल पीएम और राष्ट्रपति की तस्वीर लगती है।
अप्रैल महीने में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत आए थे। जेडी वेंस जब भारत आए थे, तब जगदीप धनखड़ उनके साथ एक उच्चस्तरीय बैठक का नेतृत्व करना चाहते थे। हालांकि, एक सीनियर कैबिनेट मंत्री ने उन्हें स्पष्ट किया कि जेडी वेंस अमेरिकी राष्ट्रपति का संदेश लेकर आए हैं, जो सीधे प्रधानमंत्री मोदी के लिए है, और यह प्रोटोकॉल के तहत उनकी भूमिका अलग होगी। ऐसे में इस मांग ने सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया, क्योंकि धनखड़ का आग्रह प्रोटोकॉल से टकरा रहा था।
उनकी तीसरी मांग उनके काफिले की सभी गाड़ियों को मर्सिडीज-बेंज में अपग्रेड करने की थी. सूत्रों का कहना है कि जगदीप धनखड़ ने इस मांग को कई बार दोहराया, जिसे सरकार ने अनुचित और खर्चीला माना। इस तरह की मांगों को लेकर ही उनकी सरकार से नहीं बनी और तनाव और बढ़ गया।
Jagdeep Dhankhar Resignation Inside Story सूत्रों की मानें तो यहां तक भी बात इतनी नहीं बिगड़ी थी, लेकिन जगदीप धनखड़ के एक कदम ने सरकार को चौंका दिया, इसके बाद तो दोनों के बीच तलवार ही खींच गई। जी हां, इस तनातनी में विपक्ष के जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करना सरकार के लिए आखिरी तिनका साबित हुआ। सरकार इस मुद्दे पर लोकसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव लाना चाहती थी, मगर धनखड़ ने विपक्ष के नोटिस को स्वीकार कर लिया। इससे सरकार की रणनीति को झटका लगा। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कदम पर गहरी नाराजगी जताई, जिसका जिक्र खुद किरेन रिजिजू ने फोन कॉल पर किया।