Jamaat-e-Islami-J-K Ban: इस इस्लामिक संगठन पर बढ़ सकता हैं प्रतिबन्ध.. मोदी सरकार कर रही है समीक्षा, कश्मीर में आतंकी घटनाओं के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार यही ग्रुप

Jamaat-e-Islami-J-K Ban: इस इस्लामिक संगठन पर बढ़ सकता हैं प्रतिबन्ध.. मोदी सरकार कर रही है समीक्षा, कश्मीर में आतंकी घटनाओं के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार यही ग्रुप

Jamaat-e-Islami-J-K Ban

Modified Date: March 14, 2024 / 08:10 am IST
Published Date: March 14, 2024 8:01 am IST

नई दिल्ली: केंद्र ने गैरकानूनी गतिविधियां के रोकथाम के लिए ट्रिब्यूनल का गठन किया हैं। इस ट्रिब्यूनल में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल हैं। (Jamaat-e-Islami-J-K Ban) यह फैसला करेगा कि जमात-ए-इस्लामी को एक ‘गैरकानूनी संघ’ के रूप में, जम्मू और कश्मीर को घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने बुधवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की थी।

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“जमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर (जेईआई) को भारत के राजपत्र में प्रकाशित 27 फरवरी, 2024 की अधिसूचना के माध्यम से एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था, इसलिए, अब, उप-धारा द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए (1) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 का 37) की धारा 4 की उप-धारा (1) के साथ पठित धारा 5 की, केंद्र सरकार इसके द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन किया गया है, जिसमें न्यायमूर्ति नवीन चावला शामिल होंगे।

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गृह मंत्रालय के मुताबिक़ गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में बताया हैं कि यह ट्रिब्यूनल यह जानने कि कोशिश करेगा कि जमात-ए-इस्लामी, जम्मू और कश्मीर (जेईआई) को गैरकानूनी संघ घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं,” (Jamaat-e-Islami-J-K Ban) 27 फरवरी को, गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत जमात-ए-इस्लामी-जे-के पर प्रतिबंध को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया था। संगठन को पहली बार 28 फरवरी, 2019 को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया था।

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