Cyber attack on the website of Urban Administration Department
अहमदाबादः Jamtara Gang Online Class नए जमाने के साथ लोग नई तकनीकों को भी अपनाते जा रहे हैं। लेकिन नई तकनीकों को कुछ लोग अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। धोखाधड़ी करने वाले इन तकनीकों का इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए करने लगे हैं। जी हां ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब फर्जी कॉल और मैसेज के जरिए लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया जा चुका है। लेकिन अब ये ठग अपनी पैठ मजबूत करने में लगे हुए हैं और युवाओं को अपने जाल में फंसा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुराने साइबर ठग नए उम्र के युवाओं को साइबर ठगी की ट्रेनिंग दे रहे हैं। वो ट्रेनिंग में सिम क्लोनिंग करना, बैंक से पैसों की धोखाधड़ी करना और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जालसाजी करना सिखा रहे हैं।
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Jamtara Gang Online Class मिली जानकारी के अनुसार बनासकांठा जिले सिम क्लोनिंग रैकेट में पकड़ाए तीन लोगों ने भी झारखंड के जामताड़ा से बड़े ठगों से ट्रेनिंग ली थी। बताया जा रहा है कि इन ठगों को बैंक धोखाधड़ी और फर्जी कॉल से लोगों को फंसाने की ट्रेनिंग दी गई थी। बता दें कि ऐसे सभी साइबर ठग जामताड़ा या मेवात से ट्रेनिंग लेकर ठगी को अंजाम देते थे।
साल 2017-18 में जामताड़ा साइबर ठगी के लिए चर्चा में आया था। पुलिस ने ठगी रोकने के लिए कई सख्त एक्शन लिए। उसके बाद जामताड़ा के ठग वहां से इधर-उधर चले गए। अब वो ठगी के साथ-साथ ठगी की ट्रेनिंग का काम भी शुरू कर चुके हैं। इसके लिए वो फीस भी लेते हैं। ऐसे ठग युवाओं को ठगी तो सिखाते ही हैं साथ ही उन्हें ठगी करने में मदद भी करते हैं। इन सभी कामों के लिए वो कमीशन लेते हैं।
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गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कहा कि वेस्ट बंगाल से इन ठगों को आसानी से फर्जी सिम और चोरी का मोबाइल मिल जाता है। साइबर ठगी करने के बाद ये ठग अपने सिम और मोबाइल को बदल देते हैं। जामताड़ा और मेवात के पुराने साइबर ठग ट्रेनिंग ले रहे नए ठगों को इन सभी गैंग्स के बारे में बताते हैं। इससे नए ठगों को भी फर्जी सिम और चोरी के मोबाइल के बारे में जानकारी मिल जाती है।
गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेवात के गैंग नकली पॉर्न वीडियो बनाना सिखा रहे हैं। ठग आम लोगों के चेहरों की तस्वीरों से अश्लील फिल्में बना उनसे पैसे की मांग करते हैं। नकली पॉर्न वीडियो बनाने की भी ट्रेनिंग दी जा रही है। पुराने ठग नए साइबर ठगों से हर एक ठगी का 5-10 प्रतिशत पैसा फीस के तौर पर लेते हैं। पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन ठगी सिखाने का सिलसिला कोरोना महामारी के बाद बढ़ गया है।