Jharkhand News: मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, नौकरी का वादा करके लोगों को इस देश में भेज देते थे आरोपी, फिर परिजनों को फोनकर ऐंठते थे पैसे
मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, नौकरी का वादा करके लोगों को इस देश में भेज देते थे आरोपी, Jharkhand News: Police bust international human trafficking racket in Jharkhand's Hazaribagh, arrest five
हजारीबाग: Jharkhand News झारखंड के हजारीबाग जिले में पुलिस ने शनिवार को एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो कथित तौर पर लोगों को अमेरिका भेजने का झूठा वादा कर उनसे पैसे ठगता था। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड समेत पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि जिले के टाटीझरिया थाने के भरजो गांव निवासी सोनू कुमार ने 30 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया।
Jharkhand News पुलिस को दी शिकायत में सोनू कुमार ने अमेरिका में कारोबार करने वाले उदय कुमार कुशवाहा पर आरोप लगाया था कि उसने उसे 2024 में फर्जी दस्तावेजों और अमेरिका में नौकरी दिलाने का वादा करके ‘डंकी रूट’ के जरिए ब्राजील भेज दिया। हजारीबाग जिला पुलिस ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, आरोपियों ने हजारीबाग के दारू पुलिस थाना के अंतर्गत जरगा गांव के रहने वाले विकास कुमार और पिंटू कुमार को भी अमेरिका में नौकरी दिलाने का वादा किया था और उन्हें दिल्ली के रास्ते अलग-अलग ब्राजील भेज दिया था।
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बयान में कहा गया है कि ब्राजील पहुंचने पर सोनू कुमार ने आरोप लगाया कि उन तीनों को मानव तस्करों को सौंप दिया गया, जिन्होंने गुप्त रूप से उन्हें बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा, कोस्टा रिका, होंडुरास, ग्वाटेमाला होते हुए ‘डंकी’ मार्ग से अमेरिका ले जाने की कोशिश की। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्हें माफिया की कैद में रखा गया था और कुशवाहा ने सोनू कुमार के पिता को फोन करके पैसे की मांग की थी। बयान में कहा गया है कि दबाव में आकर सोनू कुमार के पिता ने अपनी पैतृक जमीन बेच दी और कुशवाहा के रिश्तेदारों को विभिन्न तरीकों से पैसे दे दिए। सोनू कुमार ने बताया कि उन्हें मैक्सिको सिटी और सैन डिएगो होते हुए अमेरिका ले जाया गया लेकिन अमेरिका की सीमा पर पकड़ लिया गया और वहां से हिरासत केंद्र भेज दिया गया। बयान में कहा गया है कि मार्च 2025 में भारत वापस भेजे जाने से पहले उन्होंने चार महीने हिरासत केंद्र में बिताए थे।

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