नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा)जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ मौजूद आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
वह पहले ही इस मामले में मानहानि की शिकायत दर्ज करा चुके हैं।
केंद्र शासित प्रदेश में सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस (नेकां)के सदस्य चौधरी ने स्थायी और अनिवार्य रोक का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल सहित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न वाली अपमानजनक सामग्री मौजूद है।
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि वादी ने कथित आपत्तिजनक सामग्री की प्रतिलिपियां दाखिल नहीं की हैं, जिसके बिना अदालत यह निर्धारित नहीं कर सकती कि यह मानहानिकारक है या नहीं।
न्यायाधीश ने कहा कि मुकदमा पढ़ते समय वह हैरान रह गए, क्योंकि शिकायत में उल्लिखित रिकॉर्डिंग और वीडियो के संबंध में कोई प्रतिलिपि नहीं थी।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘अदालत यह कैसे निर्धारित कर सकती है कि सामग्री अपमानजनक है या नहीं?’’
सोशल मीडिया मंचों के वकील द्वारा इंगित किया गया कि वादी ने गलत संस्थाओं को पक्षकार बनाया है और सही पक्ष ‘मेटा’ होगा। इसपर अदालत ने चौधरी के वकील से सही पक्षों को पक्षकार बनाने को कहा।
न्यायाधीश ने मेटा और गूगल को उन सामग्रियों को अपलोड करने वालों का विवरण वादी को देने का भी निर्देश दिया जिनकी शिकायत की गई है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी, 2026 के लिए सूचीबद्ध कर दी और नौशेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चौधरी को निर्देश दिया कि वह तब तक अपमानजनक सामग्री और लिखित प्रतिलेख रिकॉर्ड में दर्ज कराएं।
भाषा
धीरज नरेश
नरेश