रायचूर (कर्नाटक), नौ अप्रैल (भाषा) रायचूर की एक अदालत ने जिले में एक परिवार के पांच सदस्यों की नृशंस हत्या के लिए तीन लोगों को मृत्युदंड और नौ अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
झूठी शान की खातिर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था।
ये हत्याएं 11 जुलाई, 2020 को सिंधनूर कस्बे में हुईं, जहां मुनीश के परिवार के पांच सदस्यों – उसके माता-पिता, भाई-बहनों – की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
यह हमला मुनीश के घर पर उसके ससुराल वालों और परिवार के बीच विवाद के बाद हुआ। मुनीश और मंजुला की शादी को लेकर लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी के कारण मंजुला के परिवार वालों ने वारदात को अंजाम दिया।
मंजुला के माता-पिता और रिश्तेदारों ने तब मुनीश और उसके परिवार को धमकाया था, जब कुरुबा समुदाय से ताल्लुक रखने वाला यह जोड़ा शादी के छह महीने बाद मुनीश के घर लौटा था। धमकियों के बाद मुनीश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके चलते मंजुला का परिवार और नाराज हो गया था।
हमले के दिन, मंजुला के रिश्तेदारों ने मुनीश के घर पर धावा बोला और हत्याएं कीं। मुनीश और मंजुला, जो उस समय क्रमश: 21 और 18 वर्ष के थे, हमले में बच गए क्योंकि हिंसा के समय वे सिंधनूर थाने में थे।
रायचूर के पुलिस अधीक्षक पुट्टा मदैया ने पुष्टि की कि अदालत ने सन्ना फकीरप्पा, अंबन्ना और सोमशेखर को मृत्युदंड सुनाया है।
उन्होंने बताया कि आजीवन कारावास की सजा पाने वाले नौ व्यक्तियों में मंजुला के माता-पिता और अन्य करीबी रिश्तेदार शामिल हैं।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश