(फाइल फोटो के साथ)
बेंगलुरु, 14 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि वह जाति जनगणना रिपोर्ट पर 17 अप्रैल को बुलाई गई मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में चर्चा के बाद ही बोलेंगे।
सिद्धरमैया ने कहा कि तब तक वह इससे संबंधित किसी भी बात पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने इस एकमात्र विषय पर चर्चा के लिए 17 अप्रैल को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। वहां हम चर्चा करेंगे। चर्चा के बाद मैं (इस विषय पर) बोलूंगा।’’
वह यहां भारतीय संविधान के निर्माता बी आर आंबेडकर को उनकी 134वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने 11 अप्रैल को सामाजिक-आर्थिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण को मंजूर कर लिया। ऐसे सर्वेक्षण को ‘जाति जनगणना’ कहा जाता है।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को, उसके तत्कालीन अध्यक्ष एच कंथाराजू के नेतृत्व में, जाति जनगणना रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया था। सर्वेक्षण का काम 2018 में सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के अंत में पूरा हुआ और रिपोर्ट को कंथाराजू के उत्तराधिकारी के जयप्रकाश हेगड़े ने फरवरी 2024 में अंतिम रूप दिया।
सिद्धरमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस आरोप को निराधार बताया कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आंबेडकर को हरवाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंबेडकर ने एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर और कम्युनिस्ट नेता श्रीपाद अमृत डांगे उनकी हार के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा महात्मा गांधी, आंबेडकर और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की विरासत पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया, ‘‘जिन्होंने आंबेडकर का विरोध किया और महात्मा गांधी की हत्या की, वे उनकी विरासत पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। जिन ‘मनुवादियों’ ने भारतीय संविधान का विरोध किया, वे उन्हें हथियाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
भाषा आशीष सुरेश
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