बेलगावी (कर्नाटक), 17 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने बुधवार को कहा कि राज्य भर के विहारों (मठों) में सेवा कर रहे बौद्ध भिक्षुओं को मासिक मानदेय प्रदान करने का प्रस्ताव विचाराधीन है और इस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विधान परिषद में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान की ओर से एमएलसी शिवकुमार के. द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘मैंने संबंधित मंत्री और अधिकारियों से बात की है और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’
रेड्डी ने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग वर्तमान में राज्य भर में पंजीकृत जैन बसदि (जैन मंदिर) में सेवा करने वाले संतों के साथ-साथ वक्फ-पंजीकृत मस्जिदों के पेश इमामों और मुअज्जिनों को मासिक मानदेय प्रदान करता है।
इस सवाल को उठाते हुए शिवकुमार ने कहा कि राज्य में लगभग 80 बौद्ध विहार हैं, जिनमें से अधिकांश बिना किसी सरकारी अनुदान के चल रहे हैं।
राज्य में लगभग 200 बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति का उल्लेख करते हुए, उन्होंने सरकार से भिक्षुओं को 6,000 रुपये और उनके सहायकों को 5,000 रुपये का मासिक मानदेय प्रदान करने का आग्रह किया।
भाषा नोमान नरेश
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