रोहिंग्या समेत अवैध प्रवासियों के निर्वासन की मांग वाली याचिका पर न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे: कर्नाटक

रोहिंग्या समेत अवैध प्रवासियों के निर्वासन की मांग वाली याचिका पर न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे: कर्नाटक

  •  
  • Publish Date - October 30, 2021 / 07:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या समेत अवैध प्रवासियों की ‘पहचान, उन्हें निरुद्ध और निर्वासित करने’ के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर वह न्यायालय के आदेश का ईमानदारी से पालन करेगी।

कर्नाटक सरकार ने कुछ दिन पहले शीर्ष अदालत में कहा था कि उसकी बेंगलुरू में रहने वाले 72 रोहिंग्या को निर्वासित करने की तत्काल कोई योजना नहीं है और उसने इस विषय पर भाजपा नेता तथा वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज करने की मांग की।

कर्नाटक के गृह विभाग के अवर सचिव वनाजा के एन ने नया हलफनामा दाखिल करते हुए कहा, ‘‘मैं विनम्रता से कहता हूं कि कर्नाटक राज्य पुलिस ने रोहिंग्या लोगों को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले किसी शिविर या निरुद्ध केंद्र में नहीं रखा है।’’

हलफनामे के अनुसार, ‘‘हालांकि, कर्नाटक राज्य में 126 रोहिंग्या लोगों की पहचान की गयी है। इस प्रतिवादी ने वचन दिया है कि यह माननीय अदालत जो आदेश जारी करेगी, उसका ईमानदारी से पूरी तरह पालन किया जाएगा।’’

उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में केंद्र और राज्यों को देश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या समेत सभी अवैध प्रवासियों तथा घुसपैठियों की पहचान करने, उन्हें निरुद्ध करने और निर्वासित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

याचिका में मांग की गयी है कि केंद्र और राज्यों को अवैध प्रवास तथा घुसपैठ को संज्ञेय, गैर-जमानती अपराध बनाने के लिए संबंधित कानूनों को संशोधित किया जाए।

भाषा वैभव उमा

उमा