तिरुवनंतपुरम, 29 नवंबर (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर विश्वविद्यालयों के कामकाज के संबंध में अपने दायित्वों के निर्वहन में राज्य के संवैधानिक प्रमुख की बजाय राजनीतिक नेता और आरएसएस के स्वयंसेवक की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
शिवनकुट्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और डिजिटल विज्ञान, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में आर्लेकर द्वारा लिए गए निर्णय के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की थी।
मंत्री ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने बार-बार कहा है कि राज्यपाल, कुलाधिपति के रूप में उन शक्तियों का प्रयोग कर रहे हैं जो उनके पास नहीं हैं। शिवनकुट्टी ने कहा कि आर्लेकर का रुख राज्य के विश्वविद्यालयों के सुगम संचालन को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘राज्यपालों ने पहले कभी इस तरह का व्यवहार नहीं किया। लोगों का अब राज्यपाल पर से विश्वास उठ रहा है।’
मंत्री ने दावा किया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए नामों की एक सूची सौंपी थी, लेकिन राज्यपाल ने उन पर विचार नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल ने राजभवन के खर्चों के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए धन का इस्तेमाल करने पर मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इस तरह की कार्रवाई को उचित नहीं ठहराया जा सकता। राज्यपाल, राजनीतिक नेता और आरएसएस के स्वयंसेवक की तरह व्यवहार कर रहे हैं।’
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