केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमला में भीड़ प्रबंधन को लेकर अधिकारियों की आलोचना की

केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमला में भीड़ प्रबंधन को लेकर अधिकारियों की आलोचना की

  •  
  • Publish Date - November 19, 2025 / 03:48 PM IST,
    Updated On - November 19, 2025 / 03:48 PM IST

कोच्चि (केरल), 19 नवंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमला मंदिर क्षेत्र में मंगलवार को असामान्य रूप से भारी भीड़ के कारण उत्पन्न अराजकता के लिए बुधवार को अधिकारियों की कड़ी आलोचना की।

अदालत ने कहा कि स्थिति मुख्यतः इसलिए नियंत्रण से बाहर हो गई क्योंकि अधिकारियों के बीच उचित समन्वय नहीं था।

उसने त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) पर आवश्यक तैयारियां न करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि पहले दिए गए निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया।

न्यायाधीशों ने कहा कि कई आवश्यक कार्य छह महीने पहले ही पूरे हो जाने चाहिए थे।

अदालत ने सवाल उठाया कि इतने सारे लोगों को एक ही समय में मंदिर क्षेत्र में क्यों जाने दिया गया।

उच्च न्यायालय ने सुझाव दिया कि तीर्थयात्रियों को अलग-अलग हिस्सों में बांटने से भीड़ को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, बजाय इसके कि सभी को एक साथ आगे जाने दिया जाए जो कि असुरक्षित है।

अदालत द्वारा उठाई गई चिंताओं को साझा करते हुए नवनियुक्त टीडीबी अध्यक्ष के. जयकुमार ने स्वीकार किया कि वास्तव में तैयारियां छह महीने पहले ही कर ली जानी चाहिए थीं।

सबरीमला मंदिर खुलने के 48 घंटे के भीतर 17 नवंबर को लगभग दो लाख श्रद्धालु भगवान अयप्पा मंदिर पहुंच गए, जिससे टीडीबी और पुलिस को भारी भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ में कई बच्चे भी शामिल थे।

टेलीविजन चैनल पर प्रसारित दृश्यों में मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंचाने वाली 18 सीढ़ियों के सामने छोटे से क्षेत्र में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी गयी।

कुछ श्रद्धालुओं ने शिकायत की कि मंदिर के बाहर घंटों कतारों में खड़े होने के दौरान उन्हें पीने का पानी भी नहीं मिला।

भाषा

गोला पवनेश

पवनेश