केरल उच्च न्यायालय ने जहाज को सशर्त जब्त करने का आदेश दिया

केरल उच्च न्यायालय ने जहाज को सशर्त जब्त करने का आदेश दिया

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  • Publish Date - June 19, 2025 / 11:25 AM IST,
    Updated On - June 19, 2025 / 11:25 AM IST

कोच्चि (केरल), 19 जून (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को आदेश दिया कि लाइबेरियाई ध्वज वाले जहाज एमएससी पोलो द्वितीय को तब तक जब्त रखा जाए, जब तक कि उसकी मूल कंपनी केरल तट पर एमएससी एल्सा 3 के डूबने के कारण माल की हानि के लिए समुद्री दावे के तहत 73.49 लाख रुपये जमा नहीं कर देती है।

न्यायमूर्ति एम ए अब्दुल हकीम ने केरल की एक काजू कंपनी ‘सैंस कैश्यू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला दिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 24-25 मई के बीच एमएससी एल्सा 3 के डूबने के बाद उसके माल से भरे कंटेनर समुद्र में खो गए थे।

काजू कंपनी ने अपने मुकदमे में दावा किया है कि जहाज ‘‘यांत्रिक, तकनीकी दोषों या उचित देखभाल के अभाव में और जहाज की अयोग्यता तथा चालक दल की अक्षमता की वजह से जहाज में कंटेनरों के अनुचित भंडारण के कारण’’ डूब गया।

कंपनी ने दावा किया कि एमएससी एल्सा 3 और एमएससी पोलो द्वितीय सहयोगी जहाज हैं और इनका मालिकाना हक एमएससी मेडिटेरेनियन शिपिंग कॉ एसए के पास है।

उसने अपना सामान खोने के बदले में 73,49,596 रुपये का हर्जाना मांगा है। उसने एक अंतरिम याचिका दायर कर हर्जाना मिलने तक एमएससी पोलो द्वितीय को कब्जे में लेने का अनुरोध किया है।

शिपिंग कंपनी ने अनुरोध किया कि अदालत सशर्त जब्ती का आदेश जारी न करे क्योंकि वह जुर्माना राशि जमा कर देगी। उसने यह भी दावा किया कि जहाज एमएससी पोलो द्वितीय बंदरगाह से 14 समुद्री मील दूर है और इसलिए अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

इन दलीलों को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि यदि सुरक्षा राशि जमा करने तक सशर्त जब्ती का आदेश दिया जाता है तो शिपिंग कंपनी को कोई नुकसान नहीं होगा।

केरल पुलिस ने 11 जून को जहाज के मालिक, मास्टर और चालक दल के खिलाफ लापरवाही से जहाज चलाने का मामला दर्ज किया था।

भाषा गोला मनीषा

मनीषा