केंद्र से बकाया 1,500 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त करने के लिए कानून की मदद लेगा केरल

केंद्र से बकाया 1,500 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त करने के लिए कानून की मदद लेगा केरल

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  • Publish Date - May 13, 2025 / 01:33 PM IST,
    Updated On - May 13, 2025 / 01:33 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 13 मई (भाषा) केरल सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह ‘पीएम श्री’ योजना ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण केंद्र द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य के कथित रूप से रोके गए 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के धन को प्राप्त करने के लिए कानून की मदद लेने और साथ ही विरोध प्रदर्शन के विकल्प पर विचार करेगी।

राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि केरल अपना हक लेने के लिए तमिलनाडु के साथ मिलकर दबाव बनाएगा।

उन्होंने केंद्र सरकार पर भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया।

शिवनकुट्टी ने दोनों दक्षिणी राज्यों के बीच समन्वित प्रयास को रेखांकित करते हुए ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘मैं तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री से दो बार बात कर चुका हूं और अगले हफ्ते उनसे मिलूंगा।’’

यह निधि केरल द्वारा ‘पीएम श्री’ योजना से जुड़े समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के कारण कथित रूप से रोकी गई। पीएम श्री योजना केंद्र सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में चुनिंदा विद्यालयों को बेहतर बनाना है।

मंत्री शिवनकुट्टी ने तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर याचिका पर दिए उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया जिसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्यों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।

इस फैसले ने केरल को वित्तीय अधिकार नहीं दिए जाने के खिलाफ राज्य के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खोल दिया है।

शिवनकुट्टी ने कहा, ‘‘मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ दो मौकों पर व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर चर्चा की है और केंद्र को पत्र लिखकर राज्य को धनराशि जारी किए जाने का अनुरोध किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने इसी आधार पर हमारी समग्र शिक्षा केरल (एसएसके) निधि को भी रोक दिया है। केंद्र ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है और अब हमारे पास कानूनी कदम उठाने एवं विरोध प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’

मंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह निष्पक्ष व्यवहार करे और केरल को देश का अभिन्न एवं महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए धनराशि जारी करे।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश