Kota Student Suicide Case: कोटा में एक और NEET की छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान.. इस साल 17 स्टूडेंट्स उठा चुके है आत्मघाती कदम

सुको के इस सवाल पर वकील ने कहा था कि, आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए राज्य में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। दरअसल शीर्ष अदालत आईआईटी, खड़गपुर में पढ़ने वाले 22 वर्षीय छात्र की मौत के मामले की सुनवाई कर रही थी।

Kota Student Suicide Case: कोटा में एक और NEET की छात्रा ने फांसी लगाकर दी जान.. इस साल 17 स्टूडेंट्स उठा चुके है आत्मघाती कदम

Kota NEET Student Suicide Case || Image- Deccan Herald file

Modified Date: May 26, 2025 / 06:24 am IST
Published Date: May 26, 2025 6:24 am IST
HIGHLIGHTS
  • कोटा में NEET छात्रा ने की आत्महत्या, इस साल 17वां मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने कोटा में बढ़ती छात्र आत्महत्याओं पर जताई चिंता
  • पढ़ाई के दबाव को माना जा रहा आत्महत्या की प्रमुख वजह

Kota NEET Student Suicide Case: कोटा: राजस्थान के एजुकेशन हब कहे जाने वाले कोटा में एक बार फिर से सुसाइड का मामला सामने आया है। इस बार नीट की एक छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी है। मिली जानकारी के मुताबिक़ जीशान नाम की यह छात्रा इसी महीने पढ़ाई के लिए कोटा आई हुई थी। फ़िलहाल पुलिस ने शव् को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल रवाना कर दिया है। छात्रा के कमरे से किसी तरह सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजनों को भी घटना की जानकारी दे दी गई है।

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इस साल 17 ने की आत्महत्या

Kota NEET Student Suicide Case: गौरतलब है कि, कोटा में छात्र-छात्राओं के आत्महत्या का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बात 2025 की ही करें तो अबतक 17 स्टूडेंट्स अलग-अलग वजहों से अपनी इहलीला खत्म कर चुके है। जाँच में सामने आया है कि ज्यादातर स्टूडेंट्स ने पढ़ाई के दबाव में आकर आत्मघाती कदम उठायें है।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

Kota NEET Student Suicide Case: बता दें कि, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कोटा शहर में छात्रों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि पर राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लिया और स्थिति को ‘गंभीर’ बताया था। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने बताया था कि इस साल अब तक शहर से आत्महत्या के 14 मामले सामने आए हैं।

न्यायमूर्ति पारदीवाला ने राजस्थान राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से पूछा था कि, ‘‘आप एक राज्य के रूप में क्या कर रहे हैं? ये बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं और केवल कोटा में ही क्यों? क्या आपने एक राज्य के रूप में इस पर विचार नहीं किया?’’

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सुको के इस सवाल पर वकील ने कहा था कि, आत्महत्या के मामलों की जांच के लिए राज्य में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था। दरअसल शीर्ष अदालत आईआईटी, खड़गपुर में पढ़ने वाले 22 वर्षीय छात्र की मौत के मामले की सुनवाई कर रही थी। छात्र 4 मई को अपने छात्रावास के कमरे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया था।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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