जानें : अमित शाह क्यों जा रहे हैं आरा, क्या है बाबू कुंवर सिंह के विजयोत्सव से कनेक्शन

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  • Publish Date - April 23, 2022 / 02:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

Kunwar Singh Vijayotsav स्वतंत्रता सेनानी बाबू कुंवर सिंह के विजयोत्सव पर 23 अप्रैल को गृहमंत्री अमित शाह बिहार के आरा जिले के जगदीशपुर जा रहे है।  इस दौरान वो करीब 1 लाख राष्ट्रीय ध्वज लहराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

आज हम आपको बताते हैं कि बाबू कुंवर सिंह कौन थे। आखिर अमित शाह उनके विजयोत्सव पर बिहार क्यों गए हैं। बाबू कुंवर सिंह ने 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गुरिल्ला तकनीक का इस्तेमाल कर अंग्रेजी सेना के छक्के छु़ड़ाए थे।

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Kunwar Singh Vijayotsav : महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी के बाद गुरिल्ला तकनीक का सबसे सटीक उपयोग बाबू कुंवर सिंह ने ही किया था। उन्होंने आरा से निकलकर आजमगढ़, कानपुर और बलिया तक अंग्रेजी हुकूमत से छापामार युद्ध शैली के जरिए लोहा लिया था, इसीलिए आरा के क्षेत्र को पूर्व का मेवाड़ कहा जाता है।

1857 के क्रांतिकारियों में से एक थे जगदीशपुर के जागीरदार बाबू कुंवर सिंह। वह बिहार के उज्जैनिया परमार क्षत्रिय और मालवा के प्रसिद्ध राजा भोज के वंशज थे। इसी वंश में महान चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य भी हुए थे। 80 साल की उम्र में बाबू कुंवर सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। हाथ में गोली लगने के बाद अपना हाथ खुद ही काट लिया था।

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Kunwar Singh Vijayotsav : आरा वापस लौटते समय वीर कुंवर सिंह को गंगा नदी पार करते समय हाथ में गोली लग गई थी। उनकी कलाई में गंभीर चोट थी। ऐसे में शरीर में ज़हर फैल जाने का ख़तरा भांपते हुए कुंवर सिंह ने अपनी ही तलवार से अपना हाथ काट लिया था और गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया। इसके बाद कुंवर सिंह की सेना ने अंग्रेजी सेना को परास्त कर आरा को हासिल कर लिया था। कुंवर सिंह की मृत्यु के बाद उनके भाई वीरवर अमर सिंह ने कमान संभाली ।