नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत शर्तों में ढील दी, ताकि वह अपनी बीमार मां की देखभाल और बेटी के उपचारके लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जाकर रह सकें।
मामला तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा की घटना से जुड़ा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने 25 जनवरी को अदालत द्वारा मिश्रा पर लगाई गई अंतरिम जमानत की शर्तों में ढील दी। मिश्रा को इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहने के लिए कहा गया था।
अदालत ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा दायर एक संशोधन आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया था कि उनकी मां दिल्ली के राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में भर्ती हैं।
उन्होंने अपने आवेदन में आगे कहा है कि उनकी बेटी को पैरों में कुछ विकृति के लिए उपचार की जरूरत है।
मिश्रा की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि उनके मुवक्किल को अपनी बीमार मां की देखभाल की जरूरत है।
पीठ ने मानवीय आधार पर आवेदन स्वीकार कर लिया, लेकिन कहा कि मिश्रा को दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक समारोह में भाग नहीं लेना चाहिए और विचाराधीन मामले के संबंध में मीडिया को संबोधित नहीं करना चाहिए।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि मुकदमे में भाग लेने के अलावा उत्तर प्रदेश में प्रवेश पर प्रतिबंध की, 25 जनवरी के आदेश द्वारा लगाई गई शर्त लागू रहेगी।
भाषा प्रशांत माधव
माधव