वकीलों ने सोराबजी को ‘कानूनी बिरादरी के नेता’ के तौर पर याद किया

वकीलों ने सोराबजी को ‘कानूनी बिरादरी के नेता’ के तौर पर याद किया

वकीलों ने सोराबजी को ‘कानूनी बिरादरी के नेता’ के तौर पर याद किया
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: April 30, 2021 12:35 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) वकीलों ने पूर्व अटॉर्नी जनरल और न्यायविद सोली सोराबजी के निधन पर शोक जताया और उन्हें कानूनी बिरादरी के नेता के तौर पर याद किया।

सोराबजी (91) का शुक्रवार को दिल्ली के एक अस्पताल में कोविड-19 से निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटी और दो बेटे हैं।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर सोराबजी के बारे में बताया कि किस तरह एक हफ्ते के अंदर उनका स्वास्थ्य खराब होता चला गया। वह सोराबजी के पड़ोस में ही रहते हैं।

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सिंघवी ने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित सोराबजी को एक हफ्ते पहले मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर थी।

सिंघवी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘कल रात अचानक उनकी हृदय गति रूक गई और उन्हें नहीं बचाया जा सका। लंबे समय से उनके साथ जुड़ाव रहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘युवावस्था में सोली के साथ काम किया और कई मुकदमे में उनके खिलाफ खड़ा रहा।’’

कानूनी बिरादरी के नेता के तौर पर उन्हें याद करते हुए पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘‘वह काफी सफल रहे और दो बार भारत के अटॉर्नी जनरल बने। उन्होंने कभी भी अप्रिय शब्द नहीं कहे। उन्हें संगीत और किताबों का बहुत शौक था।’’

वरिष्ठ वकील एस एच फुल्का ने सोराबजी को अपना ‘मार्गदर्शक’ बताया और कहा कि ‘‘वह काफी याद आएंगे।’’

उन्होंने कहा कि सोराबजी हमेशा कहते थे कि ‘‘हमें साबित करना है कि हमारे देश में कानून का शासन है और यहां कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।’’

वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने उन्हें कानूनी पेशा का दिग्गज और राष्ट्रीय धरोहर बताया।

वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोराबजी के निधन पर दुख जताते हुए उन्हें ‘‘मूलभूत अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का चैंपियन’’ बताया।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘सोली सोराबजी न्यायविदों में सर्वाधिक सम्मानित नाम थे और देश के संवैधानिक विशेषज्ञ थे। वह मूलभूत अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के चैंपियन थे।’’

सोराबजी को ‘‘महान चिंतक’’ बताते हुए कोश्यारी ने कहा कि वह राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर ‘‘शानदार’’ राय रखते थे।

भाषा नीरज नीरज माधव

माधव


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