Jagannath Snan Yatra 2025: महाप्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा आज, रथ यात्रा से पहले 108 स्वर्णिम कलशों से होगा स्नान

Jagannath Snan Yatra 2025: महाप्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा आज, रथ यात्रा से पहले 108 स्वर्णिम कलशों से होगा स्नान

Jagannath Snan Yatra 2025: महाप्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा आज, रथ यात्रा से पहले 108 स्वर्णिम कलशों से होगा स्नान

Jagannath Snan Yatra 2025/ Image Credit: X Handle

Modified Date: June 11, 2025 / 12:17 pm IST
Published Date: June 11, 2025 12:10 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा आज।
  • 108 स्वर्णिम घड़ों से कराया जाएगा भगवान जगन्नाथ बलदेव, और सुभद्रा स्नान।
  • स्नान के बाद 15 दिनों के लिए बीमार हो जाएंगे भगवान।

ओडिशा। Jagannath Snan Yatra 2025:  विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर ओडिशा के पुरी में तैयारियां शुरू हो चुकी है। हर साल यह यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है। ऐसे में आज स्नान पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाएगा। आज के दिन भगवान जगन्नाथ, बलदेव, और सुभद्रा महारानी को स्नान करवाते हैं। इस स्नान के बाद भगवान अस्वस्थ हो जाएंगे और फिर उनका इलाज किया जाएगा।

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तीर्थों के मिश्रित जल से होता है स्नान

बता दें कि, आज भगवान जगन्नाथ, बलदेव, और सुभद्रा को 108 स्वर्णिम घड़ों से कराया जाता है। इन घड़ों में जो जल भरा होता है वो सारे तीर्थों का मिश्रित जल होता है और उसमें चंदन, गुलाब, घी, दही जैसे कई तरह के अलग-अलग द्रव्य मिले होते हैं। इसमें सुभद्रा जी को अलग से स्नान कराया जाता है। स्नान के बाद भगवान को राजा की तरह सजाया जाता है। स्नान यात्रा ही एकमात्र अवसर है जब भक्तों को अनासार के लिए प्रस्थान करने से पहले एक भव्य सार्वजनिक अनुष्ठान में तीनों देवताओं को एक साथ देखने का दुर्लभ मौका मिलता है। वहीं इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस बीच ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने जगन्नाथ मंदिर में आयोजित ‘स्नान यात्रा’ में हिस्सा लिया।

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27 जून को निकाली जाएगी रथ यात्रा

वहीं स्नान के बाद भगवान के 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं जिसे अनासार काल कहा जाता है। उन्हें एक विशेष कक्ष में रखा जाता है जहां वैद्य उनकी सेवा और उपचार करते हैं। इस दौरान भगवान नीम और जड़ी-बूटियों से बनी औषधियों का सेवन करते हैं। भक्तगण उन्हें आराम करने देते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके। वहीं अनासार काल खत्म होने के बाद भगवान जगन्नाथ की पूरे धूमधाम के साथ 27 जून को रथ यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें वह भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर जाएंगे।

 


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