कोरोना वायरस की वजह से 2020 में पर्यटन क्षेत्र को हुआ बड़ा नुकसान | Major damage caused to tourism sector in 2020 caused by corona virus

कोरोना वायरस की वजह से 2020 में पर्यटन क्षेत्र को हुआ बड़ा नुकसान

कोरोना वायरस की वजह से 2020 में पर्यटन क्षेत्र को हुआ बड़ा नुकसान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : December 29, 2020/11:13 am IST

(अनन्या सेनगुप्ता)

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) जाते हुए इस साल ने हमारी सांस्कृतिक धरोहरों की संवेदनशीलताओं को रेखांकित किया जो अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिए पर्यटन पर निर्भर हैं। इससे सरकार को न केवल ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों को बचाकर रखने के लिए विकल्प तलाशने पड़े, बल्कि कोरोना वायरस महामारी के समाप्त होने के बाद भारत को पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ रही है।

केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि वह भविष्य की रणनीति को लेकर सतर्क रहना चाहते हैं। उन्होंने माना कि 2021 में नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने के तरीके अब तक के तरीकों से बहुत भिन्न होंगे।

पटेल ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘हम अब भी महामारी से निपट रहे हैं और इस समय डिजिटल मंचों पर हमारी गतिविधियों जैसे कारगर स्थिति सामान्य होने पर उपयोगी हो भी सकते हैं और नहीं भी। हमें इस बात का विश्लेषण करना होगा जब लोग वास्तव में पर्यटन स्थलों पर जाकर उन्हें देख सकते हैं तब भी क्या वे ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को प्राथमिकता देंगे। हमें सतर्क रहना होगा और एकदम से कदम नहीं उठाने चाहिए।’’

पिछले नौ महीने में मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश’ पहल के तहत देश की संस्कृति, परंपरा, संग्रहालयों, स्मारकों और कलाकारों के बारे में बताने वाली 65 से अधिक वेबिनारों का आयोजन किया है।

पर्यटन क्षेत्र देश के बड़े उद्योगों में शामिल है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 6.23 प्रतिशत हिस्सेदारी इस क्षेत्र से है और यह देश की 8.78 प्रतिशत आबादी को रोजगार प्रदान करता है।

वित्त वर्ष 2018-19 में पर्यटन क्षेत्र से करीब 275.5 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित हुआ था और इसकी प्रगति की वार्षिक दर 9.4 प्रतिशत थी।

कोरोना वायरस महामारी की वजह से मार्च महीने में लगाए गए लॉकडाउन से पर्यटन क्षेत्र के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया जबकि अप्रैल की शुरुआत से पर्यटन का सीजन चरम पर होता है।

महामारी की वजह से गाइडों, टूर संचालकों, वाहन चालकों, होटलों, रेस्तराओं, दुकानों और पर्यटन से प्रत्यक्ष या परोक्ष जुड़े अन्य संबंधित उपक्रमों पर बड़ा असर पड़ा।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों तथा ट्रेन परिचालन निलंबित रहने के साथ ही भारतीय पर्यटन उद्योग को 2020 में 1.25 हजार अरब डॉलर के राजस्व नुकसान का अनुमान है।

केयर रेटिंग्स के एक अध्ययन के अनुसार इस साल जनवरी और फरवरी के दौरान पर्यटन क्षेत्र पर महामारी का प्रभाव करीब 50 प्रतिशत रहा, वहीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित होने के बाद केवल मार्च महीने में ही यह प्रभाव बढ़कर 70 प्रतिशत तक होने का अनुमान है।

भारतीय पर्यटन उद्योग को अप्रैल से जून के बीच करीब 69,400 करोड़ रुपये की राजस्व हानि का अनुमान है।

पटेल ने कहा कि अब आत्ममंथन का और देश के उन हिस्सों को प्रचारित करने का समय है जिनके बारे में लोगों को पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई छुट्टियों के लिए विदेश नहीं जा सकता या विदेशी पर्यटक भारत में नहीं आ सकते तो केवल घरेलू पर्यटन से ही आस की जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय पर्यटन क्षेत्र को हुए नुकसान का पता नहीं किया जा सकता क्योंकि महामारी का प्रकोप अब भी है। लेकिन घरेलू पर्यटन फिर से उभरने के लिए प्रयासरत है। ऐसे स्थानों का पता लगाना होगा, जिनके बारे में अभी तक लोगों को पता ही नहीं है, उनका प्रचार करना होगा। हम यही करने का प्रयास कर रहे हैं, लोगों को देश के भीतर ही घूमने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।’’

पटेल ने कहा कि महामारी समाप्त होने के बाद भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र, वेलनेस सेंटर, आयुष अस्पताल पर्यटकों का ध्यान आकृष्ट करेंगे और उन्हें कोविड के बाद की देखभाल के समाधान के तौर पर प्रचारित किया जाना चाहिए।

पर्यटन मंत्रालय ने निधि (स्वागत-सत्कार उद्योग का राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस) की भी शुरुआत की है, जिसमें इस क्षेत्र के सभी हितधारक पंजीकरण करा सकते हैं और अपने विचार साझा कर सकते हैं।

भारत में ऐसे गाइड तैयार करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं जो संयुक्त राष्ट्र की भाषाओं में निपुण हों ताकि वे आमने-सामने विदेशी पर्यटकों से बातचीत कर सकें।

संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रसियन और स्पेनिश हैं।

मंत्रालय ने यह भी तय किया है कि जहां भी एक लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं, वहां हिंदी और अंग्रेजी के साइनबोर्ड के साथ ही उनकी मूल भाषा में भी बोर्ड लगाये जाएंगे।

भाषा वैभव दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)