ममता का दावा ​बिहार के मुख्यमंत्री भी NRC के पक्ष में नहीं, मूल भारतीयों के नाम एनआरसी से बाहर

ममता का दावा ​बिहार के मुख्यमंत्री भी NRC के पक्ष में नहीं, मूल भारतीयों के नाम एनआरसी से बाहर

ममता का दावा ​बिहार के मुख्यमंत्री भी NRC के पक्ष में नहीं, मूल भारतीयों के नाम एनआरसी से बाहर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: September 6, 2019 12:59 pm IST

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में एनआरसी पर बोलते हुए कहा है कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इस मुद्दे पर बात की है। उन्होने भी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को स्वीकार नहीं करने की बात कही है। ममता ने इसके साथ ही कहा कि लोकतंत्र के सभी स्तंभ मीडिया और न्यायपालिका सभी केंद्रीय सलाहकारों द्वारा चलाए जा रहे हैं। मूल भारतीयों के नामों को एनआरसी सूची से बाहर रखा गया है।

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बता दें कि इससे पहले जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा था कि बिहार में एनआरसी की कोई जरुरत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि लिस्ट में कई लोगों के नाम नहीं है, इसलिए इस प्रक्रिया के लिए और वक्त दिया जाना चाहिए।

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गौरतलब है कि 31 अगस्त को एनआरसी की अंतिम सूची जारी की गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों का नाम नहीं आया। जिनका नाम अंतिम सूचि में नहीं आया उनका क्या होगा इसी को लेकर राजनीतिक दलों में संग्राम हो रहा है।

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दरअसल, बीजेपी बिहार में NRC को एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में है। वहां अगले साल चुनाव होना है और राज्य में भी एनआरसी की मांग उठ रही है। बीजेपी के कई नेताओं का कहना है कि राज्य में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं।बीजेपी के सीनियर लीडर और बिहार सरकार के मंत्री विनोद सिंह ने हाल ही में कहा था,” सरकार को बिहार में भी NRC लिस्ट जारी करने के बारे में सोचना चाहिए ताकि सीमांचल क्षेत्र में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा सके।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com