महाराष्ट्र के हिंगोली में एक व्यक्ति ने की आत्महत्या, मराठा आरक्षण को बताया वजह
महाराष्ट्र के हिंगोली में एक व्यक्ति ने की आत्महत्या, मराठा आरक्षण को बताया वजह
छत्रपति संभाजीनगर, 26 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में बृहस्पतिवार को एक व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली और अपने इस कदम को नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन से जोड़ते हुए एक ‘सुसाइड नोट’ छोड़ा है। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कृष्णा कल्याणकर (25) ने सुबह अखाड़ा बालापुर गांव में अपने खेत में एक पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
अधिकारी ने बताया कि कल्याणकर सुबह लगभग सात बजे अपने खेत पर गया और पुलिस को सुबह साढ़े नौ बजे उसकी आत्महत्या के बारे में सूचना दी गई।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”हमें उसकी जेब से एक ‘सुसाइड नोट’ मिला। इसमें लिखा था ‘मैं मराठा आरक्षण के कारण आत्महत्या कर रहा हूं’।’’
अधिकारी ने बताया कि पुलिस की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
पिछले कुछ महीनों में, आरक्षण की मांग के समर्थन में राज्य के विभिन्न हिस्सों में मराठा समुदाय के सदस्यों द्वारा आत्महत्या किए जाने की कई खबरें सामने आई हैं।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने ओबीसी श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार सुबह एक बार फिर भूख हड़ताल शुरू की।
जरांगे (40) ने समुदाय को आरक्षण प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के सामने 40 दिन की ‘समय सीमा’ तय की थी जो 24 अक्टूबर को समाप्त हो गई। इसके बाद उन्होंने जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है।
जरांगे ने अगस्त के आखिर में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था। राज्य सरकार ने उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद 17वें दिन उन्होंने अनशन समाप्त कर दिया था।
भाषा जोहेब देवेंद्र
देवेंद्र

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