मई में टीकों की संख्या पर मीडिया की खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं : सरकार

मई में टीकों की संख्या पर मीडिया की खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं : सरकार

मई में टीकों की संख्या पर मीडिया की खबरें तथ्यात्मक रूप से गलत हैं : सरकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: June 2, 2021 8:45 am IST

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मीडिया में आयी उन खबरों को बुधवार को ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत और निराधार’’ बताया जिनमें आरोप लगाया गया है कि केंद्र ने जून में कोविड-19 रोधी 12 करोड़ टीके देने का वादा किया है जबकि मई में उपलब्ध 7.9 करोड़ टीकों में से केवल 5.8 करोड़ टीके ही लगाए गए।

मंत्रालय के एक जून को सुबह सात बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक से 31 मई तक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में 6.10 करोड़ टीके लगाए गए।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राज्यों के पास कुल 1.62 करोड़ टीके बचे हैं और उनका इस्तेमाल नहीं किया गया है। एक से 31 मई तक कुल 7.94 करोड़ टीके उपलब्ध कराए गए।

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केंद्र 16 जनवरी से प्रभावी टीकाकरण अभियान के लिए राज्यों के प्रयासों में सहयोग कर रहा है।

टीकों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए केंद्र टीकों के निर्माताओं के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और उसने एक मई से राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विभिन्न खरीद विकल्पों की भी शुरुआत की।

मंत्रालय ने कहा कि मीडिया में कई अपुष्ट खबरें आ रही हैं जिसमें जनता को गलत सूचनाएं दी गई। देश में अब तक लोगों को 21,85,46,667 कोविड-19 रोधी टीके लगाए जा चुके हैं।

बयान में कहा गया है, ‘‘मीडिया में आ रही खबरों में आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ने जून 2021 में 12 करोड़ टीके देने का वादा किया है जबकि मई में उपलब्ध कुल 7.9 करोड़ टीकों में से करीब 5.8 करोड़ टीके ही लगाए गए। यह खबर तथ्यात्मक रूप से गलत और निराधार है।’’

उसने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में अपुष्ट उद्धरणों के आधार पर भारत की टीकाकरण नीति की आलोचना की गई है।

मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय टीका प्रशासन विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) पिछले साल अगस्त में गठित किया गया ताकि लाभार्थियों की प्राथमिकता, खरीद, टीकों के चयन और उसकी आपूर्ति समेत टीकों के सभी पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया जा सके।

भारत में कोविड-19 टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की रक्षा करना, मौतों को रोकना और अधिक जोखिम वाले समूहों के लोगों की रक्षा करना है।

उसने कहा कि इसके अनुसार टीकाकरण अभियान शुरू किया जिसमें सबसे पहले स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों को टीका लगाया गया। इसके बाद 60 या उससे अधिक आयु के लोगों, 45-59 आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाना शुरू किया गया।

इसके बाद एक अप्रैल से 45 साल या उससे अधिक आयु के लोगों के सभी नागरिकों को टीका लगाया गया।

एक मई से 18 साल और उससे अधिक आयु के सभी लोग टीका लगवाने के लिए योग्य हो गए।

भाषा गोला शाहिद

शाहिद


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