संपत्ति विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता विफल रही: ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी ने न्यायालय से कहा |

संपत्ति विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता विफल रही: ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी ने न्यायालय से कहा

संपत्ति विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता विफल रही: ललित मोदी, उनकी मां बीना मोदी ने न्यायालय से कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : July 28, 2022/8:40 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) व्यवसायी और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी और उनकी मां बीना मोदी ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि परिवार में लंबे समय से लंबित संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा अनिवार्य मध्यस्थता विफल रही है और आग्रह किया कि यहां इस मामले का फैसला किया जाए।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि ललित मोदी की ओर से पेश हरीश साल्वे और ए. एम. सिंघवी सहित वरिष्ठ वकीलों और उनकी मां बीना मोदी की ओर से पेश कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी को विवाद के समाधान की संभावना तलाशने और उसे सूचित करने के लिए कहा।

उच्चतम न्यायालय ने ललित मोदी और उनकी मां तथा उद्योगपति के. के. मोदी की पत्नी बीना मोदी के बीच लंबे समय से जारी संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए पिछले वर्ष 16 दिसंबर को शीर्ष अदालत के दो पूर्व न्यायाधीशों न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ को मध्यस्थ नियुक्त किया था।

न्यायमूर्ति रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के उस फैसले के खिलाफ ललित मोदी की अपील पर सुनवाई कर रही है जिसमें कहा गया था कि बीना मोदी की अपने बेटे के खिलाफ दायर मध्यस्थता विरोधी रोक याचिका विचार करने योग्य है।

ललित मोदी की ओर से पेश साल्वे ने कहा, ‘‘मेरे पास मध्यस्थों की एक रिपोर्ट है। ऐसी रिपोर्ट है कि मध्यस्थता विफल हो गई है। आइए इस मामले को आगे बढ़ाते हैं।’’

दूसरी ओर, सिब्बल ने प्रारंभिक आपत्तियां उठाते हुए कहा, ‘‘एक ट्रस्ट है और विवाद ट्रस्ट से संबंधित है। कई फैसलों में यह कहा गया है कि ट्रस्ट विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से तय नहीं किया जा सकता है।’’

रोहतगी ने ब्रिटेन में रह रहे ललित मोदी द्वारा ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ के माध्यम से अपील दायर करने पर भी आपत्ति जताई।

दलीलें सुनने के बाद, पीठ ने मामले को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया और वकीलों से विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के निर्देश लेने को कहा।

इससे पहले, पीठ ने मध्यस्थों की नियुक्ति की थी और उनसे विवाद को सुलझाने का प्रयास करने को कहा था।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने दिसंबर 2020 में माना था कि सिंगापुर में मध्यस्थता कार्यवाही शुरू करने के ललित मोदी के कदम को चुनौती देने वाली बीना मोदी की याचिका पर फैसला करना उसका अधिकार क्षेत्र में है।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

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