MGNREGA Job Card Latest News: इन लोगों को नहीं मिलेगा मनरेगा के तहत कोई काम, रद्द होगा जॉब कार्ड, इस वजह से लिया गया बड़ा फैसला

इन लोगो को नहीं मिलेगा मनरेगा के तहत कोई काम, MGNREGA Job Card Latest News: Job cards of government employees will be cancelled

MGNREGA Job Card Latest News: इन लोगों को नहीं मिलेगा मनरेगा के तहत कोई काम, रद्द होगा जॉब कार्ड, इस वजह से लिया गया बड़ा फैसला

MGNREGA Job Card Latest News. Image Source- IBC24

Modified Date: August 14, 2025 / 05:05 pm IST
Published Date: August 14, 2025 4:59 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सरकारी कर्मचारी, अनुबंध कर्मी और पेंशनर्स अब MGNREGA के तहत रोजगार के पात्र नहीं होंगे।
  • पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि जॉब कार्ड जारी करने से पहले पात्रता की जांच करें।
  • यह नियम योजना की मूल गाइडलाइन का हिस्सा है, लेकिन हिमाचल में पहले इस पर सख्ती नहीं थी।

नई दिल्लीः MGNREGA Job Card Latest News: मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना है। इसके लिए प्रत्येक परिवारों का एक जॉब कार्ड बनाया जाता है। लेकिन अब सरकारी कर्मचारियों, अनुबंध और पेंशनरों को मनरेगा (MGNREGA) के तहत न तो काम दिए जाएंगे और न ही रोजगार दिया जाएगा। इस संबंध में हिमाचल सरकार ने निर्देश जारी कर दिया है।

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MGNREGA Job Card Latest News: दरअसल, ग्रामीण विकास विभाग ने अगस्त 2025 में जारी आदेश में पंचायतों को जॉब कार्ड जारी करने से पहले आवेदकों की पात्रता की जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं। मनरेगा के तहत केवल आर्थिक रूप से कमजोर और वैकल्पिक आजीविका का स्रोत न होने वाले परिवारों को ही रोजगार देने को कहा गया है, हालांकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को मनरेगा में काम नहीं देने का यह कोई नया नियम नहीं है। बल्कि योजना की मूल प्रकृति का ही हिस्सा है, लेकिन हिमाचल में अब से पहले इस नियम को पालन नहीं हो रही थी, जिस कारण अभी तक सरकारी कर्मचारी, अनुबंध और पेंशनर्स मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों और रोजगार दोनों ही सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे।

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बता दें कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग चाहे वो सरकारी कर्मचारी, अनुबंध या पेंशनर्स हो, ऐसे परिवारों को मनरेगा के तहत होने वाले पर्सनल काम दिए जाते रहे हैं। यहीं नहीं ऐसे परिवारों के सदस्य मनरेगा में 100 दिन के रोजगार की सुविधा का लाभ उठा रहे थे। इसको लेकर प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग से मनरेगा की गाइडलाइन को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसके आधार पर अब ऐसे परिवारों को मनरेगा से बाहर करने के ऑर्डर जारी हुए हैं।


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