Bastar News: खत्म होगा नक्सलवाद…हर तीसरे दिन किए जा रहे ऑपरेशन, खुशहाल होगा बस्तर…गांवों में दिखने लगा विकास

Bastar News: दरअसल, बस्तर से नक्सलवाद का लगभग सफाया होता नजर आ रहा है। सरकार की इच्छा शक्ति की वजह से साल 2024—25 में ही 400 से अधिक माओवादी मारे गए हैं। वहीं 1500 के करीब माओवादियों ने आत्म समर्पण किया है

  • Reported By: Naresh Mishra

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  • Publish Date - August 14, 2025 / 04:39 PM IST,
    Updated On - August 14, 2025 / 04:39 PM IST

Bastar News, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • अब पुलिस की सीधी पहुंच में हैं माओवादियों के शीर्ष नेता
  • अब तीन जिलों में ही नक्सल गतिविधियां सीमित
  • संभाग के 6 जिलों में 321 गांव चिन्हित

जगदलपुर: Bastar News, छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। मानपुर इलाके के कारेकट्टा गांव से सटे बंडा पहाड़ और घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने संयुक्त अभियान चलाकर दो बड़े नक्सली लीडरों को ढेर कर दिया। इसे लेकर विजय शर्मा का बयान सामने आया है उन्होंने कहा कि, इससे उस क्षेत्र में नक्सलवाद पर काफी नकेल कसी जा पाएगी। बारिश और सारी विपरीत परिस्थितियों के बाद भी जवानों के शौर्य के चलते यह संभव हो पाया है।

दरअसल, बस्तर से नक्सलवाद का लगभग सफाया होता नजर आ रहा है। सरकार की इच्छा शक्ति की वजह से साल 2024—25 में ही 400 से अधिक माओवादी मारे गए हैं। वहीं 1500 के करीब माओवादियों ने आत्म समर्पण किया है। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है और इसी दिशा में निरंतर हर तीसरे दिन बस्तर में ऑपरेशन किए जा रहे हैं।

अब पुलिस की सीधी पहुंच में हैं माओवादियों के शीर्ष नेता

बस्तर को कभी माओवादियों की राजधानी माना जाता था और यहां माओवादियों के शीर्ष नेता अब पुलिस की सीधी पहुंच में हैं।यही वजह है कि अबूझमाड़ जैसे सबसे सुरक्षित ठिकाने में पुलिस ने माओवादियों के देश के शीर्ष कमांडर बसवराज को मुठभेड़ में मार गिराया। वहीं दूसरी तरफ चार सीसी कैडर के नक्सली नेता अब तक मारे जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे महाराष्ट्र, तेलंगाना, उड़ीसा में भी अधिकांश शीर्ष नक्सली मारे जा चुके हैं।

अब तीन जिलों में ही नक्सल गतिविधियां सीमित

वहीं बस्तर में जहां सातों जिले नक्सल प्रभावित थे उनमें से अब केवल तीन जिलों में ही नक्सलवादियों की गतिविधियां सीमित रह गई हैं। इन्हें भी जल्द ही पुलिस खत्म करने की तैयारी कर रही है। 31 मार्च 2026 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में न केवल नक्सलवाद के सफाई बल्कि शांति सुरक्षा और विकास के लिए नए पुलिस कैंप खोले जा रहे हैं। साल भर में ही 29 नए कैंप खोले गए हैं और इन कैंपों के नजदीक नियद नेलनार योजना जारी है, विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। गांव-गांव तक इंटरनेट मोबाइल कनेक्टिविटी, रोड कनेक्टिविटी सरकारी योजनाओं का हर ग्रामीण तक पहुंचाना सुनिश्चित करने की कोशिश छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है। इस दिशा में अगले 1 साल तक व्यापक स्तर पर काम करने का लक्ष्य रखा गया है।

संभाग के 6 जिलों में 321 गांव चिन्हित

आरआरपी के तहत अंदरूनी क्षेत्रों में सड़क भी बनाई जा रही हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए काम किए जा रहे हैं ।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए सरकार ने बीजापुर में 117 गांव, सुकमा में 128, नारायणपुर में 56, कांकेर में 7, दंतेवाड़ा में 13 गांव को नियदनेलनार योजना के तहत चयनित किया है। इस तरह बस्तर संभाग में 6 जिलों में 321 गांव को चिन्हित किया गया है। जहां तेजी से विकास कार्य संचालित किये जा रहे हैं।

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