MiG-21 Fighter Jet Retired: रिटायर हुआ भारत का सबसे सफल फाइटर जेट मिग-21.. छह दशकों तक आसमान में रही धाक, दिलाई बड़ी कामयाबी

ग्रुप कैप्टन मलिक (सेवानिवृत्त) ने कहा, "मैंने लगभग 24 वर्षों तक मिग-21 के तीनों संस्करण उड़ाए हैं। यह मेरा जीवन था, और अब यह मेरे जीवन का हिस्सा बनने जा रहा है। यह एक मिश्रित भावना है।

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  • Publish Date - September 26, 2025 / 01:44 PM IST,
    Updated On - September 26, 2025 / 01:45 PM IST

MiG-21 Fighter Jet Retired || Image- www.orfonline.org FILE

HIGHLIGHTS
  • मिग-21 ने भरी अंतिम उड़ान
  • 60 साल बाद वायुसेना से विदाई
  • कारगिल में निभाई अहम भूमिका

MiG-21 Fighter Jet Retired: चंडीगढ़: लगभग छह दशकों की सेवा के बाद भारतीय वायु सेना ने शुक्रवार को अपने प्रतिष्ठित मिग -21 लड़ाकू जेट को सेवानिवृत्त कर दिया है। आज चंडीगढ़ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह में अपनी अंतिम उड़ान भरी।

कारगिल युद्ध में दिलाई कामयाबी

बता दें कि, मिग-21 लंबे समय से भारत की हवाई ताकत की रीढ़ रहा है, जो भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के पायलटों की पीढ़ियों के साहस, सटीकता का परिचायक रहा है। मिग-21 का विदाई समारोह चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर हुआ। यहाँ भारतीय वायुसेना के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सुपरसोनिक जेट को औपचारिक रूप से सेवामुक्त कर दिया गया। 1963 में शामिल किए गए मिग-21 ने पायलटों की कई पीढ़ियों को प्रशिक्षित किया और 1965 और 1971 के युद्धों और 1999 के कारगिल युद्ध सहित कई संघर्षों में अपनी क्षमता साबित की, और महज एक लड़ाकू जेट से कहीं अधिक भारतीय वायुसेना की शक्ति और क्षमता का प्रतिनिधित्व किया।

MiG-21 Fighter Jet Retired: स्क्वाड्रन लीडर एसएस त्यागी (सेवानिवृत्त), जिनके पास मिग-21 पर सबसे अधिक उड़ान घंटे हैं। उन्होंने डीकमीशनिंग से पहले एएनआई को बताया, “हमने अपने कनिष्ठों को अपनी सीख दी। सभी सबक और प्रशिक्षण के बीच, मेरे उड़ान घंटे बढ़ते रहे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस मील के पत्थर तक पहुंचना है। 1965 में हमारे पास ज्यादा विमान नहीं थे। मिग-21 ने वास्तव में 1971 में एक युद्ध में भाग लिया था, जहां इसने रॉकेटरी, गनरी, बम गिराए और ढाका में विभिन्न लक्ष्यों को हासिल किया। मैं 1971 में हमारी जीत के लिए 80 प्रतिशत श्रेय मिग-21 को दूंगा।”

ग्रुप कैप्टन मलिक (सेवानिवृत्त) ने कहा, “मैंने लगभग 24 वर्षों तक मिग-21 के तीनों संस्करण उड़ाए हैं। यह मेरा जीवन था, और अब यह मेरे जीवन का हिस्सा बनने जा रहा है। यह एक मिश्रित भावना है। प्रत्येक क्षण भावुक है, जब हम इस विमान को विदाई दे रहे हैं, और मैं कसम खाता हूं कि इस विमान से बेहतर कुछ भी नहीं है।” इन तमाम उपलब्धियों के बावजूद, मिग-21 को पायलटों के बीच “उड़ता ताबूत” के रूप में भी जाना जाता था, क्योंकि पहले के दशकों में इसकी हैंडलिंग चुनौतीपूर्ण थी और दुर्घटना दर अधिक थी।

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Q1: मिग-21 को कब से वायुसेना से हटाया गया?

27 सितंबर 2025 को औपचारिक रूप से मिग-21 को सेवानिवृत्त किया गया।

Q2: मिग-21 की खासियत क्या थी?

यह भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था, जिसने कई युद्धों में सफलता दिलाई।

Q3: मिग-21 को उड़ता ताबूत क्यों कहा जाता था?

पुराने संस्करणों में तकनीकी खामियों और उच्च दुर्घटना दर के कारण यह नाम पड़ा।