नयी दिल्ली: कृषि क्षेत्र में सुधार के नये कानूनों को लेकर चिंताओं को दूर करते हुये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को किसानों को आश्वस्त किया कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी और आने वाले वषों में भी एमएसपी में वृद्धि का क्रम जारी रहेगा। उन्होंने किसानों को इस बात के लिए भी आश्वस्त किया कि अनुबंध खेती की वजह से किसानों की जमीन पर कोई मालिकाना हक नहीं जता सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए कानून में पर्याप्त उपाय किये गये हैं।
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विपक्षी दल इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके अमल में आने के बाद किसानों की खेती पर कंपनियों का कब्जा हो जायेगा और किसान पूरी तरह से उनके हाथ की कटपुतली बन जायेगे। संसद के हाल में संपन्न मानसून सत्र में इन तीन प्रमुख कृषि विधेयकों को पारित किया गया जिसके बाद राष्ट्रपति ने भी इन पर हस्ताक्षर कर दिये। ये विधेयक अब कानून बन चुके हैं। सरकार हालांकि, अध्यादेश के जरिये पहले ही इन्हें लागू कर चुकी थी।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए, सिंह ने कहा कि वे संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों के बारे में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस की युवा शाखा द्वारा ट्रैक्टर जलाने की घटना के लिए भी प्रमुख विपक्षी दल पर हमला बोली। उन्होंने कहा, ‘‘एक ट्रैक्टर जलाया गया। इसका क्या तर्क है? जैसे हथियार सैनिकों के लिए पवित्र और सम्मानजनक होते हैं, वैसे ही किसानों के ट्रैक्टर भी हैं। और एक किसान होने के नाते, मैं जानता हूं कि किसी भी स्थिति में किसान अपने ट्रैक्टर को कभी नहीं जलाएगा। यह एक राजनीतिक दल द्वारा अपने राजनीतिक हित की स्वाथपूर्ति के लिए किया गया।’’
रक्षा मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘खुद एक किसान का बेटा होने के नाते, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मोदी सरकार ऐसा कुछ नहीं करेगी जो किसानों के हित में न हो। ये कृषि क्षेत्र से संबंधित विधेयक, किसानों के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के लिए हैं।’’ सिंह ने विपक्ष पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली और मंडी प्रणाली के बारे में लोगों के बीच गलतफहमी पैदा किये जाने का आरोप लगाया और स्पष्ट रूप से कहा कि दोनों व्यवस्था कायम रहेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एमएसपी व्यवसथा बनी रहेगी और आने वाले वर्षों में एमएसपी में वृद्धि भी होती रहेगी। किसी भी स्थिति में इसे समाप्त नहीं किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार के शासन के दौरान तिलहनों और दलहनों के एमएसपी में काफी वृद्धि की गई है। एपीएमसी करनून में संशोधन के बारे में, राजनाथ ने कहा कि सरकार मंडी प्रणाली को समाप्त नहीं कर रही है और बल्कि किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए और अधिक विकल्प दे रही है जिसमें अधिक मंडियां शामिल होंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले किसानों से कर वसूला जाता था और उन्हें मंडियों में उचित एमएसपी भी नहीं मिलता था, लेकिन नए कानून से उन्हें अपनी उपज बेचने के अधिक विकल्प प्राप्त होंगे। सिंह ने कहा कि विपक्ष यह कहकर भ्रम फैला रहा है कि इस कानून के लागू होने से किसानों की जमीन को खतरा है, सिंह ने कहा, ‘‘कोई भी शक्ति, किसी भी स्थिति में, इस विधेयक का उपयोग करके किसानों की जमीन पर स्वामित्व का दावा नहीं कर सकती। किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ में किसान संगठनों से अपील करता हूं कि अगर उनकी कुछ समस्या है तो वे आयें और हमसे बात करें। हम किसानों के कल्याण के लिए उनके सुझावों को सुनने को तैयार बैठे हैं। मैंने पहले ही किसानों की आशंकाओं और गलतफहमियों को दूर करने के लिए उनसे बात करना शुरू कर दिया है।’’ राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद से पारित तीन कृषि विधेयकों – किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक, 2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को हाल ही में अपनी संस्तुति दे दी है।