अब रात को भी हो सकेगा शवों का पोस्टमॉर्टम, अंग्रेजों के समय बने इस नियम में मोदी सरकार ने किया बदलाव
मोदी सरकार ने अंग्रेजों के समय के इस नियम में किया बदलाव । Modi government made changes in this rule of British times
नयी दिल्ली : Modi govt changes rule of British time केंद्र सरकार ने हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, क्षत-विक्षत शव और संदिग्ध मामलों को छोड़कर, उचित बुनियादी ढांचे वाले अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद भी शवों का पोस्टमॉर्टम करने की सोमवार को अनुमति दे दी। घटनाक्रम का संदर्भ देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म! 24 घंटे हो पाएगा पोस्टमॉर्टम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सुशासन के विचार को आगे बढ़ाते हुए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि जिन हॉस्पिटल के पास रात को पोस्टमॉर्टम करने की सुविधा है वो अब सूर्यास्त के बाद भी पोस्टमॉर्टम कर पाएँगे।’’
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Modi govt changes rule of British time स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को विभिन्न स्रोतों से प्राप्त कई संदर्भों के जवाब में और सरकारी प्रक्रियाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम करके जीवन की सुगमता को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, आज से प्रभावी सूर्यास्त के बाद पोस्टमॉर्टम प्रोटोकॉल में बदलाव किए गए हैं।’’ इसने कहा, ‘मृतक के दोस्तों और रिश्तेदारों के अलावा, यह नई प्रक्रिया अंगदान और प्रतिरोपण को भी बढ़ावा देती है क्योंकि प्रक्रिया के बाद निर्धारित समय में अंगों को निकाला जा सकता है।’
इस संबंध में मंत्रालय को मिले कई अभ्यावेदनों की पड़ताल स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक तकनीकी समिति द्वारा की गई थी। मंत्रालय ने कहा कि इस बारे में चर्चा हुई कि कुछ संस्थान पहले से ही रात के समय पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं और प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति तथा सुधार को देखते हुए, विशेष रूप से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था और पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के चलते अस्पतालों में रात के समय अंत्य-परीक्षण करना अब संभव है।
इसने कहा कि संबंधित प्रोटोकॉल में कहा गया है कि अंगदान के लिए पोस्टमॉर्टम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और यह सूर्यास्त के बाद भी उन अस्पतालों में किया जाना चाहिए, जिनके पास नियमित आधार पर इस तरह के पोस्टमॉर्टम करने के लिए बुनियादी ढांचा है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अन्य चीजों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे की सुदृढ़ता का आकलन अस्पताल प्रभारी द्वारा किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि साक्ष्य मूल्य का महत्व कम नहीं किया गया है। इसने रेखांकित किया कि साथ ही, किसी भी संदेह को दूर करने के लिए पूरी रात सभी पोस्टमॉर्टम के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और यह कानूनी उद्देश्यों के वास्ते भविष्य के संदर्भ के लिए संरक्षित रखी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, क्षत-विक्षत शरीर और संदिग्ध श्रेणियों के मामलों को तब तक रात के समय पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं रखा जाना चाहिए, जब तक कि कानून व्यवस्था से जुड़ी कोई स्थिति न हो।

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