रायपुर: Modi Magic in Tax Collection नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को देश की सत्ता संभाले अब 10 वर्ष हो गए हैं। अब हैट्रिक लगाने की तैयारी चल रही है। इन 10 वर्षों में पूरे देश में मोदी का मैजिक देखने को मिला। देश की जनता तीसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी को तो देखना ही चाहती है। इसके अलावा दुनिया के लाखों मोदी प्रशंसक भी उनकी देश के प्रति सेवकाई देखने को आतुर है। पीएम मोदी ने दुनिया भारत का डंका बजा दिया है। इस बात की बानगी तब देखने को मिली जब पीएम मोदी ने एक झटके में कश्मीर से धारा 370 खत्म कर दिया, जबकि यूपीए सरकार इसे बहुत ही कठिन फैसला मानती थी। हालांकि इस दौरान पाकिस्तान सहित कई देश इस फैसले को लेकर नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेने की कोशिश की, लेकिन मोदी मैजिक के सामने ये सभी शांत बैठे रहे।
Modi Magic in Tax Collection बात करें मोदी शासनकाल में देश में विकास की तो ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जिस पर नरेंद्र मोदी की सरकार ने काम नहीं किया हो। 10 साल में मोदी सरकार ने भारत के विकास को कई गुना तेज कर दिया। देश की जनता ने ये तरक्की देखी है, चाहे वह किसानों को लेकर नरेंद्र मोदी के फैसले हो या व्यापारिक क्षेत्र में लिए गए फैसले हो या फिर शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में हो। इन 10 सालों में भारत की आय में भी मोदी का मैजिक देखने को मिला है। बता दें कि भारत सरकार के सरकारी खजाने में आय का एक बड़ा हिस्सा टैक्स से आता है। टैक्स के मामले में अगर हम यूपीए शासनकाल से नरेंद्र मोदी के 10 साल का तुलनात्मक अध्ययन करें तो एनडीए का कार्यकाल विकास की एक नई गाथा गढ़ते हुए दिखाई देता है। तो चलिए समझते हैं टैक्स कलेक्शन में 10 साल में कैसे चला नरेंद्र मोदी का मैजिक?
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मोदी सरकार में टैक्स कलेक्शन में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है, रोचक तथ्य यह है कि जनता को टैक्स में राहत देने के बाद भी यह उपलब्धि हासिल की गई है। 2013 में 5 लाख की आय पर 30 हजार रुपए आयकर देना होता था, जो कि अब मोदी सरकार में 7 लाख रुपए की आय तक कोई कर नही है। अप्रत्यक्ष कर की औसत दर 15 प्रतिशत थी, जो अब 12.5 प्रतिशत है और कॉरपोरेट टैक्स 25 प्रतिशत था अब 15 प्रतिशत है। भाजपा सरकार में करों की दरों को घटाने के बावजूद कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है जो कि कर चोरी के रोकने से हुई है।
देश में 1 जुलाई 2017 के पहले जब जीएसटी लागू नहीं हुआ था, तो करदाता विभागों और कर की दरों में फंसा हुआ था। यूपीए के शासनकाल में 440 से अधिक कर दरें थी और इन दरों को प्रकाशित करने वाली कई एजेंसिया थी। लेकिन अब मोदी सरकार के कार्यकाल में जीएसटी करदाता और व्यापारी जगत के लोगों को इस बड़ी समस्या का समाधान दे रहा है। विभिन्न गणनाओं के अनुसार दिसम्बर 2017 से मार्च 2023 तक जीएसटी की वजह से देश की जनता का प्रतिमाह 45 हजार करोड़ रुपए की बचत कर रहा है।
ICAI के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत चोपड़ा की मानें तो यह बहुत संतोष की बात है कि 2015 के बाद से करदाताओं की संख्या और संग्रह की मात्रा के संदर्भ में कर आधार काफी बढ़ गया है। इसका श्रेय उच्च डिजिटल भुगतान और कर आधार के विस्तार को दिया जा सकता है। आज एक साधारण विक्रेता भी सड़क पर, टैक्सी चालक आदि डिजिटल रूप में भुगतान स्वीकार करते हैं। जीएसटी के कार्यान्वयन के साथ सरकार को लेनदेन और व्यक्तियों और कॉर्पोरेटों की वास्तविक आय पर नज़र रखने में मदद मिली है। इस मोर्चे पर सरकार के काम की सराहना करता हूं।
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