मोदी ने ‘उत्तर-दक्षिण’ वाले बयान के लिए राहुल पर साधा निशाना, नारायणसामी को लिया आड़े हाथ

मोदी ने ‘उत्तर-दक्षिण’ वाले बयान के लिए राहुल पर साधा निशाना, नारायणसामी को लिया आड़े हाथ

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  • Publish Date - February 25, 2021 / 10:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

पुडुचेरी, 25 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस और उसकी पूर्ववर्ती पुडुचेरी सरकार पर करारा हमला बोला और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने अपने कार्यकाल के दौरान यहां की जनता की नही, बल्कि दिल्ली की ‘‘हाई कमांड’’ की सेवा कर रही थी जो ‘‘बांटो, झूठ बोलो और शासन करो’’ की नीति पर विश्वास करती है।

उन्होंने यहां एक जनासभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के पतन के बाद यहां की जनता ‘‘कुशासन’’ से आजादी मिलने का जश्न मना रही है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘‘उत्तर-दक्षिण’’ वाले बयान और केंद्र में मत्स्य पालन मंत्रालय ना होने के दावे के दावे को लेकर उन पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2016 में पुडुचेरी की जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ कांग्रेस की सरकार बनाई थी, ताकि उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति हो सके लेकिन उन्हें जनता की सरकार नहीं मिली। उन्हें ऐसी सरकार मिली जो दिल्ली में बैठी अपनी हाई कमांड (शीर्ष नेतृत्व) की सेवा करने में व्यस्त थी।’’

उन्होंने आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की अगली सरकार जनता की सरकार होगी।

ज्ञात हो कि नारायणसामी को पिछले दिनों कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के अल्पमत में आ जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने के आसार बन गए हैं। यहां अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘इस बार जब आप लोग मतदान करेंगे, विकास विरोधी ताकतों को खारिज कर दीजिए और राजग के सुशासन का समर्थन कीजिए और पुडुचेरी को ऐसी सरकार दीजिए जो उसकी गरिमा को वापस लौटा सके।’’

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जनता के लिए काम करने में यकीन नहीं रखती है और नारायणसामी के नेतृत्व वाली सरकार ने केंद्र के साथ असहयोग का रवैया अपनाया।

पुडुचेरी में पंचायत चुनाव ना कराने के लिए भी प्रधानमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया और कहा कि विपरीत परिस्थितियों में जम्मू एवं कश्मीर में स्थानीय निकाय के चुनाव संपन्न हुए लेकिन अदालत के आदेश के बावजूद यहां की कांग्रेस सरकार ने पंचायत चुनाव नहीं कराए।

उन्होंने कहा, ‘‘पुडुचेरी की जनता कांग्रेस की इस गैर-लोकतांत्रिक सोच का करारा जवाब देगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पुडुचेरी में कांग्रेस ने जिस तरह से शासन किया यह राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की कार्यप्रणाली को दर्शाती है।

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अग्रेजों की नीति फूट डालो और शासन करने की थी। कांग्रेस की नीति फूट डालो, झूठ बोलो और शासन करने की है। कभी उनके नेता एक क्षेत्र को दूसरे क्षेत्र से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ भड़काते हैं। वे झूठ बोलने में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेता हैं।’’

गांधी ने पिछले दिनों तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए उत्तर और दक्षिण भारत को लेकर अपना अनुभव साझा किया और कहा था, ‘‘पहले 15 वर्षों के लिए मैं उत्तर (भारत) से सांसद था। मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी। केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल बनावटी तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।’’

राहुल गांधी के मत्स्य पालन मंत्रालय ना होने के दावे पर पर भी प्रधानमंत्री ने उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि वह ऐसे ‘‘झूठ’’ से चकित हो गए।

उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई ये है कि वर्तमान सरकार ने 2019 में इस मंत्रालय का गठन किया था। इस मंत्रालय का बजट पिछले दो सालों में भारी वृद्धि हुई है।’’

मोदी ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस की सीटें घटकर सबसे कम हो गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी सामंतवादी, संरक्षण देने और परिवारवाद की राजनीति अब समाप्त हो रही है। भारत युवा और आकांक्षी और आगे बढ़ने की सोच रखता है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि राजग पुडुचेरी को व्यवसाय, शिक्षा, आध्यात्म और पर्यटक के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहता है।

उन्होंने कहा कि यहां की ‘‘हाई कमांड’’ सरकार यहां के विभिन्न संघों का भी ठीक से प्रबंधन नहीं कर सकी और इनमें से कई ऐसे हैं जो बंद होने की कगार पर आ गए।

उन्होंने कहा कि अगर राजग की सरकार बनती है तो इन संघों को वह मजबूत करेगी।

उन्होंने कहा कि राजग सरकार यहां के शिक्षा के अधोसंरचना को भी विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘पुडुचेरी में कई संस्कृतियों का समागम है और इसमें आध्यात्मिक केंद्र बनने की सभी संभावनाएं हैं।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र माधव

माधव