ज्ञानवापी को लेकर मोहन भागवत का बड़ा बयान, ‘हर एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना, अब हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे’

ज्ञानवापी को लेकर मोहन भागवत का बड़ा बयान, Mohan Bhagwat's big statement regarding Gyanvapi Masjid case, read

ज्ञानवापी को लेकर मोहन भागवत का बड़ा बयान, ‘हर एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना, अब हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे’

mohan bhagwat

Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: June 2, 2022 10:52 pm IST

नागपुरः ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी आज के हिंदू और मुसलमानों ने इसे नहीं बनाया है, यह एक इतिहास है। रोज एक मस्जिद में शिवलिंग को क्यों देखना? झगड़ा क्यों बढ़ाना। उन्‍होंने कहा कि भारत को विश्‍वविजेता नहीं बनना है। उसका तो मकसद सभी को जोड़ने का होना चाहिए। भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है।

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दरअसल, मोहन भागवत नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष 2022 के समापन समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि “इस्लाम आक्रमणकारियों के जरिए भारत में आया तो भारत की स्वतंत्रता चाहने वाले लोगों का मनोबल कम करने के लिए हजारों देवस्थान तोड़े गए। हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचता है लेकिन उसे लगता है कि इनका पुनुरुद्धार होना चाहिए। हमने 9 नवंबर को ही कह दिया था कि राम मंदिर के बाद हम कोई आंदोलन नहीं करेंगे। लेकिन मुद्दे मन में हैं तो उठते हैं। ऐसा कुछ है तो आपस में मिलकर-जुलकर मुद्दा सुलझाएं।”

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भागवत ने कहा है कि विश्व में भारत माता की विजय करानी है क्योंकि हमको सबको जोड़ना है न कि जीतना है। उन्होंने कहा, “हम किसी को जीतना नहीं चाहते लेकिन दुनिया में दुष्ट लोग हैं जो हमें जीतना चाहता है।” उन्होंन कहा, “आपस में लड़ाई नहीं होनी चाहिए। आपस में प्रेम चाहिए। विविधता को अलगाव की तरह नहीं देखना चाहिए। एक-दूसरे के दुख में शामिल होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि विविधता एकत्व की साज-सज्जा है, अलगाव नहीं है।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।