Morbi bridge collapse: आज राज्य में रहेगा राज्यव्यापी शोक, झुके रहेंगेआधे झंडे, नहीं होगा कोई कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक बैठक में राज्यव्यापी शोक रखने का निर्णय किया गया था। बैठक रविवार शाम पुल गिरने की घटना के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए की गई थी।

  •  
  • Publish Date - November 2, 2022 / 09:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

Morbi bridge collapse: अहमदाबाद। मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए गुजरात में बुधवार को राज्यव्यापी शोक रहेगा। एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को झंडे आधे झुके रहेंगे और कोई आधिकारिक या मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक बैठक में राज्यव्यापी शोक रखने का निर्णय किया गया था। बैठक रविवार शाम पुल गिरने की घटना के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए की गई थी।

read more: भीषण सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत, बोलेरो और ट्रक के बीच हुई टक्कर

ब्रिटिश काल का पुल गिरने की घटना में अभी तक 135 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट किया कि बुधवार को कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने मोरबी हादसे से संबंधित सभी पहलुओं का पता लगाने के लिए मंगलवार को ‘‘विस्तृत और व्यापक’’ जांच का आह्वान किया था। उन्होंने दुर्घटनास्थल का दौरा किया था और उस स्थानीय अस्पताल भी गए थे, जहां इस हादसे में घायल हुए लोगों का इलाज चल रहा है।

read more: मां-बाप ने अपने ही इकलौते बेटे को मरवाने के लिए दी 8 लाख की सुपारी, ऐसे हुआ पूरा मामले का खुलासा, इस बात से थे परेशान

मोदी ने राहत एवं बचाव कार्यों में शामिल लोगों से बातचीत भी की थी और उनके प्रयासों की सराहना की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, मोदी ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘समय की मांग है कि एक विस्तृत और व्यापक जांच की जाए, जिससे इस हादसे से संबंधित सभी पहलू सामने आएंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस जांच से मिले सबक को जल्द से जल्द अमल में लाया जाना चाहिए।

read more: ‘हम छत्तीसगढ़ियावाद की बात नहीं करते, हम भारतीयतावाद की बात करते हैं’, भाजपा नेता का बड़ा बयान

मोदी ने कहा कि अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के संपर्क में रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दुख की इस घड़ी में उन्हें हर संभव मदद मिले।