मॉर्फोलोजिकल रिज: विकसित क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए एनओसी हो सकती है समाप्त

मॉर्फोलोजिकल रिज: विकसित क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए एनओसी हो सकती है समाप्त

मॉर्फोलोजिकल रिज: विकसित क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए एनओसी हो सकती है समाप्त
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: September 16, 2020 8:55 am IST

नयी दिल्ली, 16 सितम्बर (भाषा) केन्द्र ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया है कि ग्रेटर कैलाश और नेहरू प्लेस जैसे मॉर्फोलोजिकल रिज पर पहले से ही विकसित क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता दूर करने पर विचार करने को कहा है।

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में ‘रिज प्रबंधन बोर्ड’ इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगा।

उच्च्तम न्यायालय के रिज के संरक्षण के लिए 1995 में दिए आदेश के बाद उच्च स्तरीय ‘रिज प्रबंधन बोर्ड’ का गठन किया गया था।

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मॉर्फोलोजिकल रिज, रिज क्षेत्र का वह हिस्सा है, ‘‘जिसमें रिज जैसी विशेषताएं हैं लेकिन अधिसूचित वन का हिस्सा नहीं है।’’ यह अरावली के विस्तार का एक हिस्सा है।

मॉर्फोलोजिकल रिज पर किसी भी निर्माण को पूरा करने के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव या उच्च्तम न्यायालय की केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) के नेतृत्व वाले रिज प्रबंधन बोर्ड (आरएमबी) की मंजूरी जरूरी होती है।

एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ग्रेटर कैलाश और नेहरू प्लेस जैसे मॉर्फोलोजिकल रिज पर नई परियोजनाओं के निर्माण के लिए और पुरानी संरचना के विस्तार के लिए एजेंसियों को बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है। केन्द्र ने दिल्ली सरकार से इस आवश्यकता को समाप्त करने पर विचार करने को कहा है।’’

भाषा

निहारिका शाहिद

शाहिद


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