म्यूकरमाइकोसिस: गुजरात में अस्पतालों में विशेष वार्ड स्थापित, सरकार ने इलाज के लिये दवा खरीदी | Mucermicosis: Special wards set up in hospitals in Gujarat, govt buys medicine for treatment

म्यूकरमाइकोसिस: गुजरात में अस्पतालों में विशेष वार्ड स्थापित, सरकार ने इलाज के लिये दवा खरीदी

म्यूकरमाइकोसिस: गुजरात में अस्पतालों में विशेष वार्ड स्थापित, सरकार ने इलाज के लिये दवा खरीदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : May 9, 2021/9:58 am IST

अहमदाबाद, नौ मई (भाषा) कोविड-19 से ठीक हुए व्यक्तियों में म्यूकरमाइकोसिस या ‘ब्लैक फंगस’ के संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच गुजरात सरकार ने ऐसे रोगियों के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड स्थापित करना शुरू कर दिया है और इसके उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा की 5,000 शीशियों की खरीद की है।

गुजरात में म्यूकरमाइकोसिस के अब तक 100 से अधिक मामले सामने आये हैं। यह एक गंभीर लेकिन दुर्लभ कवक संक्रमण है, जिसके चलते कई रोगी दृष्टहीन हो गए हैं और इससे अन्य गंभीर दिक्कतें भी उत्पन्न हो रही हैं।

राज्य सरकार के अनुसार वर्तमान में अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 19 रोगियों का इसके लिए इलाज किया जा रहा है।

राज्य सरकार के अनुसार ऐसे मरीजों के इलाज के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 60 बिस्तर वाले दो अलग समर्पित वार्ड स्थापित किए गए हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री मंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में कोविड-19 स्थिति पर कोर समिति की एक बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, जामनगर और अन्य स्थानों पर भी इसी तरह की सुविधाएं सरकारी अस्पतालों में स्थापित की जाएंगी।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसके इलाज के लिए 3.12 करोड़ रुपये की लागत से एम्फोटेरिसिन बी 50 मिलीग्राम इंजेक्शन की 5,000 शीशियां खरीदी हैं।

पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में कोविड-19 से ठीक हुए कम से कम आठ लोगों के एक आंख की दृष्टि म्यूकरमाइकोसिस के चलते चली गई और 200 अन्य का इलाज किया जा रहा है। यह जानकारी डॉ. तात्याराव लहाने ने शनिवार को दी जो राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय के प्रमुख हैं।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के रोगियों में म्यूकरमाइकोसिस रोग पाया जा रहा है।

उन्होंने कहा था, ‘‘संक्रमण म्यूकर नामक कवक के कारण होता है, जो गीली सतहों पर पाया जाता है। काफी हद तक यह उन लोगों को हो रहा है, जिन्हें मधुमेह है। यह उन लोगों में बहुत ही असामान्य है जिन्हें मधुमेह नहीं हैं। कोई बड़ा प्रकोप नहीं है और हम इसकी निगरानी कर रहे हैं।’’

डॉ. पॉल के अनुसार म्यूकरमाइकोसिस अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों पर हमला करता है।

यदि मधुमेह का कोई रोगी इम्युनो-सप्रेसिव दवाइयां, स्टेरॉयड ले रहा है, या उसे कैंसर है, तो म्यूकरमाइकोसिस रोग का प्रभाव उस पर अधिक पड़ता है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के रोगियों में इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है, अगर वे गीली सतहों के संपर्क में आते हैं।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

 

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