निष्क्रांत संपत्ति मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे को अग्रिम जमानत

निष्क्रांत संपत्ति मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे को अग्रिम जमानत

निष्क्रांत संपत्ति मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे को अग्रिम जमानत
Modified Date: July 17, 2023 / 12:02 pm IST
Published Date: July 17, 2023 12:02 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने जेल में बंद मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को निष्क्रांत संपत्ति (इवैकुई प्रॉपर्टी) मामले में सोमवार को अग्रिम जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उमर की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया।

उच्च न्यायालय ने उमर की अग्रिम जमानत अर्जी 13 अप्रैल को खारिज कर दी थी। अदालत ने, गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार के दूसरे बेटे अब्बास अंसारी की, इसी मामले में दायर आरोप पत्र को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका भी खारिज कर दी थी।

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अब्बास सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक हैं।

उच्च न्यायालय ने दोनों भाइयों द्वारा स्वतंत्र रूप से दाखिल याचिकाओं पर उक्त आदेश पारित किए थे।

अंसारी बंधुओं की तरफ से दलील दी गई थी कि संपत्ति का म्यूटेशन (नामांतरण) उनके जन्म से पहले उनके पूर्वजों के नाम पर था और इसलिए उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है।

वहीं, सरकार की ओर से पेश वकील ने इन याचिकाओं का यह कहते हुए विरोध किया था कि दोनों पर अपनी दादी के फर्जी दस्तखत करने का भी आरोप है, इसलिए उनके खिलाफ स्पष्ट अपराध बनता है।

राजस्व अधिकारी सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को लखनऊ के हजरतगंज पुलिस थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि मुख्तार और उनके बेटों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर निष्क्रांत संपत्ति हड़प ली।

निष्क्रांत संपत्ति शब्द का इस्तेमाल उन संपत्तियों के संदर्भ में किया जाता है, जो बंटवारे के दौरान भारत से पाकिस्तान चले गए लोगों द्वारा छोड़ी गई थीं। ये संपत्तियां आमतौर पर उन लोगों को आवंटित की जाती हैं, जो उस समय पाकिस्तान से भारत में आ बसे थे।

भाषा पारुल मनीषा

मनीषा


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