असम में अंतिम एनआरसी से 10,000 अपात्र लोगों के नाम हटाये जाएंगे :शर्मा

असम में अंतिम एनआरसी से 10,000 अपात्र लोगों के नाम हटाये जाएंगे :शर्मा

असम में अंतिम एनआरसी से 10,000 अपात्र लोगों के नाम हटाये जाएंगे :शर्मा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: October 14, 2020 12:52 pm IST

गुवाहाटी, 14 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के असम के समन्वयक हितेश देव शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर राज्य में अंतिम एनआरसी से अपात्र लोगों और उनके वंशजों के करीब 10,000 नाम हटाने को कहा है।

शर्मा ने मंगलवार को सभी उपायुक्तों और नागरिक पंजीयन के जिला पंजीयकों (डीआरसीआर) को लिखे पत्र में उन्हें इस तरह के नाम हटाने के लिए आदेश जारी करने को कहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘वेबफॉर्म के माध्यम से आपकी तरफ से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार डीएफ (घोषित विदेशी)/ डीवी (‘डी’ मतदाता)/पीएफटी (विदेशी न्यायाधिकरण में लंबित) श्रेणियों के अपात्र लोग और उनके वंशजों के कुछ नाम एनआरसी में पाये गये हैं।’’

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शर्मा ने जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि नागरिकता (नागरिक पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के तहत अनुसूची के खंड 4(6) के अनुसार विशिष्ट तरीके से लोगों की पहचान करने के बाद ऐसे नाम हटाने का आदेश जारी किया जाए।

नियम और कुछ अन्य संबंधित प्रावधानों की व्याख्या करते हुए शर्मा ने कहा कि संबंधित अधिकारी अंतिम एनआरसी के प्रकाशन से पहले किसी भी समय किसी भी नाम का सत्यापन कर सकते हैं और उसे शामिल कर सकते हैं या हटा सकते हैं।

पिछले साल 31 अगस्त को अंतिम एनआरसी जारी की गयी थी जिसमें कुल 19,06,657 लोगों के नाम हटाये गये थे।

अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के बाद अनेक पक्षों और राजनीतिक दलों ने इसे दोषपूर्ण दस्तावेज बताते हुए इसकी आलोचना की थी। उन्होंने इसमें से मूल निवासियों को हटाये जाने तथा अवैध प्रवासियों को शामिल करने का आरोप लगाया था।

असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने इस साल 31 अगस्त को विधानसभा में कहा था कि राज्य सरकार ने बांग्लादेश की सीमा से सटे जिलों में 20 प्रतिशत नाम और बाकी हिस्से में 10 प्रतिशत नामों के पुन: सत्यापन के लिए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल किया है।

भाषा

वैभव पवनेश

पवनेश


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