NDA gave birthday gift to Draupadi Murmu as presidential candidate

द्रौपदी मुर्मू को बर्थडे गिफ्ट, जानिए कैसा रहा कनिष्ठ सहायक से अब तक का सफर

द्रौपदी मुर्मू को बर्थडे गिफ्टः जानिए कैसा रहा कनिष्ठ सहायक से अब तक का सफर : NDA gave birthday gift to Draupadi Murmu as presidential candidate

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : June 21, 2022/11:28 pm IST

नई दिल्ली : NDA gave birthday gift to Draupadi Murmu  ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक से लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होने तक का सफर आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के लिए बेहद लंबा और मुश्किल सफर रहा है। निर्वाचित होने पर मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी।

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NDA gave birthday gift to Draupadi Murmu झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार होंगी। भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था, संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की।

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1997 में की थी राजनीतिक जीवन की शुरूआत

संथाल समुदाय में जन्मीं मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और वह वर्ष 2000 में ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं। बाद में उन्होंने 2015 में झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी भी संभाली। रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं मुर्मू ने 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था, जब बीजद ने राज्य के चुनावों से कुछ हफ्ते पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था, जिसमें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजद ने जीत दर्ज की थी।

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झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का गौरव

बीस जून 1958 को जन्मीं मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का गौरव भी रखती हैं। बेहद पिछड़े और दूरदराज के जिले से ताल्लुक रखने वालीं मुर्मू ने गरीबी और अन्य समस्याओं से जुझते हुए भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से कला में स्नातक किया और ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में अपना करियर शुरू किया था।

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ओडिशा सरकार में थी इन विभागों की मंत्री

मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है। मुर्मू भाजपा की ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष भी रहीं। उन्हें 2013 में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एसटी मोर्चा) के सदस्य के रूप में भी नामित किया गया था।

व्यक्तिगत त्रासदियों से भरा रहा जीवन

मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ और दंपती के तीन संतान… दो बेटे और एक बेटी हुईं। मुर्मू का जीवन व्यक्तिगत त्रासदियों से भरा रहा है क्योंकि उन्होंने अपने पति और दोनो बेटों को खो दिया है। उनकी बेटी इतिश्री का विवाह गणेश हेम्ब्रम से हुआ है।