राज्यों को अपनी अलग पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति देता है एनईपी : केरल के शिक्षा मंत्री

राज्यों को अपनी अलग पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति देता है एनईपी : केरल के शिक्षा मंत्री

राज्यों को अपनी अलग पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति देता है एनईपी : केरल के शिक्षा मंत्री
Modified Date: October 26, 2025 / 05:13 pm IST
Published Date: October 26, 2025 5:13 pm IST

तिरुवनंतपुरम, 26 अक्टूबर (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूल की पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का अधिकार राज्यों के पास है और इसलिए इस संबंध में कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

राज्य के हाल ही में ‘पीएम श्री’ योजना में शामिल होने की घोषणा को लेकर उठे विवाद के बीच, मंत्री ने सामान्य शिक्षा विभाग के इस कदम को उचित ठहराया और कहा कि एनईपी में कई चीजें केरल द्वारा पहले ही लागू की जा चुकी हैं।

शिवनकुट्टी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हस्ताक्षरित सहमति पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हम किसी भी समय समझौते से हट सकते हैं। ऐसा दोनों पक्षों द्वारा विचार-विमर्श करने और आम सहमति पर पहुंचने के बाद ही किया जाना चाहिए। अगर हम आम सहमति पर नहीं पहुंच पाते हैं, तो हमारे पास अदालत का दरवाजा खटखटाने का भी विकल्प है।’’

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मंत्री ने कहा कि केरल किसी भी कीमत पर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की दीर्घकालिक शिक्षा नीति से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता के. सुरेन्द्रन का यह बयान कि राज्य में स्कूली पाठ्यपुस्तकों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेताओं के बारे में पढ़ाया जाएगा, उनका सपना ही रह जाएगा।

शिवनकुट्टी ने कहा, ‘‘स्कूल की पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने का अधिकार राज्यों के पास है, इसलिए इस संबंध में किसी चिंता की आवश्यकता नहीं है।’’

उन्होंने ने कहा कि यह ऐसा मामला है जो राज्य के 47 लाख छात्रों को प्रभावित करता है और सरकार की एकमात्र प्राथमिकता गरीब और हाशिए पर मौजूद समुदायों के छात्रों के लिए केंद्रीय निधि को खोना नहीं है।

इस बीच, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक वी डी सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 10 अक्टूबर को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।

उन्होंने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पीएम श्री समझौते पर 16 अक्टूबर को हस्ताक्षर हुए थे। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि 10 अक्टूबर को दिल्ली में क्या हुआ था। किस तरह का सौदा हुआ था? किसने मुख्यमंत्री को ब्लैकमेल किया?’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जब 22 अक्टूबर को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान सरकार की सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने इसका विरोध किया तो मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दोनों चुप रहे।

सतीशन ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने साथी मंत्रियों को भी ‘धोखा’ दिया।

भाषा धीरज सुभाष

सुभाष


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