नई दिल्ली । New Wage Code देश में चार लेबर कोड जल्द अमल में लाए जाएंगे। अभी 90 फीसदी राज्यों ने ड्राफ्ट रूल्स तैयार कर दिए हैं। नए वेज कोड में Cost to Company (CTC) को लेकर काफी चर्चा है। यदि ऐसा होता है तो प्राइवेट नौकरी करने वाले की Take Home Salary, PF और Gratuity पूरी तरह बदल जाएगी। वहीं इस मामलें पर विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मंथली सैलरी घटेगी लेकिन EPF में ज्यादा फंड तैयार होगा, इससे रिटायरमेंट पर ज्यादा पैसा मिलेगा।
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बेसिक सैलरी
New Wage Code बेसिक सैलरी किसी कर्मचारी की बेस इनकम होती है। सभी कर्मचारियों के लेवल के आधार पर यह फिक्स होती है। यह कर्मचारी के पद और जिस उद्योग में वह काम कर रहा है उसके अनुसार होती है।
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ग्रॉस सैलरी
New Wage Code बिना टैक्स काटे जो बेसिक पे और भत्तों को जोड़कर सैलरी बनती उसे ग्रॉस सैलरी कहते हैं।इसमें बोनस, ओवर टाइम पे, हॉलिडे पे और अन्य मद के भत्ते शामिल होते हैं। Gross Salary = बेसिक सैलरी+HRA+अन्य भत्ते
New Wage Code नेट सैलरी को टेक होम सैलरी भी कहते हैं. टैक्स कटने के बाद जो सैलरी बनती है उसे नेट इनकम कहते हैं। Net Salary = Basic Salary + HRA + भत्ते – आयकर – EPF – Professional Tax। New Wage Code में बेसिक सैलरी 25 हजार रुपए महीना हो जाएगी।तब रिटायरमेंट पर EPF की रकम 1,16,62,366 रुपए हो जाएगी। यहां सालाना इंक्रीमेंट 5 फीसदी लिया गया है, जिससे EPF का फंड और बढ़ जाएगा।